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PM Ownership Plan : प्रयागराज में तीन माह से चल रही थी 'घरौनी' की तैयारी, ड्रोन से घरों का हुआ था सर्वे

PM Ownership Plan प्रयागराज के बारा तहसील में लखनऊ से सर्वे के लिए टीम आई थी। अफसरों की मौजूदगी में चूना डालकर आबादी का ड्रोन से सर्वे कराया गया था। आबादी के बाहरी हिस्से में लाल रंग की पन्नी लगाई गई जिससे ड्रोन सर्वे में यह अलग से दिखाई दे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 08:37 AM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 04:20 PM (IST)
स्‍वामित्‍व योजना के लिए प्रयागराज में महीनों से तैयारी चल रही थी।

प्रयागराज, जेएनएन। स्वामित्व योजना के पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ लगभग तीन माह पहले प्रयागराज जिले के बारा तहसील में हुआ था। जून के अंतिम सप्ताह में इसका नोटिफिकेशन हुआ था। इसके बाद 22, 23 व 24 जुलाई को लखनऊ से आई टीम ने बारा के अभयपुर, बाराडीह, कपारी, नींबी, लोहगरा, देवरा, लकहर, चुंदवा, बकुलिहा, जोरवट गांव का ड्रोन के द्वारा सर्वे किया था। ड्रोन सर्वे के बाद राजस्व विभाग व पंचायत राज विभाग के कर्मचारियों द्वारा घर-घर जाकर घरौनी बनाई गई। इस दौरान 1430 लोगों की अविवादित घरौनी बनाई गई।

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एसडीएम के मुताबिक यह जनपद का पायलट प्रोजेक्ट है

एसडीएम गौरव रंजन श्रीवास्तव ने बताया कि ड्रोन सर्वे के पहले आबादी वाले क्षेत्र में नाली, चकरोड, खड़ंजा, सड़क पर चूना डाला गया। आबादी के बाहरी हिस्से में लाल रंग की पन्नी लगाई गई जिससे ड्रोन सर्वे में यह अलग से दिखाई दे। एसडीएम के मुताबिक यह जनपद का पायलट प्रोजेक्ट है। इसमें बारा तहसील के 10 गांवों का चयन किया गया है। इस योजना के दूरगामी परिणाम है। रविवार को तहसील में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे लोगों को घरौनी के बारे में जानकारी भी दी गई। कार्यक्रम का संचालन करते हुए नायब तहसीलदार रविकांत द्विवेदी ने बताया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायती राज दिवस पर स्वामित्व योजना का उल्लेख किया था। उसी कड़ी में घरौनी प्रमाण पत्र तैयार कराया गया।

खास बातें

-जिस तरह से खेतों की खतौनी होती है, उसी तरह घर की घरौनी है।

-इससे 75 प्रतिशत संपत्ति के विवादों की समस्या हल हो जाएगी।

-लोगों को थाने और तहसील का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।

-घरौनी से लोगों के घर की संपत्ति प्रमाणित हो जाएगी।

-इससे ही ग्रामीणों को बैंक से ऋण लेने में आसानी हो जाएगी।

जानें, क्‍या कहते हैं अधिकारी

जिन ग्रामीणों को घरौनी प्रमाण पत्र का वितरण नहीं हो पाया है, अगले दो दिनों में राजस्व कर्मी उनके घरों में जाकर पहुंचाएंगे। इसके बाद अगले चरण की तैयारी शुरू होगी।

- डॉ. विशाल शर्मा, तहसीलदार बारा

पिछले तीन माह से तहसील के राजस्व कर्मियों की टीम अफसरों के निर्देशन में काम कर रही है। टीम को लखनऊ से आए अफसरों के दल ने प्रशिक्षित भी किया था।

- प्राची केसरवानी, राजस्व निरीक्षक

संपत्ति पर अवैध कब्जे से बचाएगी घरौनी

स्वामित्व योजना के तहत गांव की आबादी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को दी जाने वाली घरौनी (ग्रामीण आवासीय अभिलेख) में उसकी आवासीय संपत्ति का पूरा ब्योरा दर्ज होगा। ऐसा इसलिए ताकि संपत्ति पर अवैध कब्जे को लेकर झगड़े-फसाद की गुंजाइश न रहे। ग्रामीणों को घरौनी मुहैया कराने की प्रक्रिया को अमली जामा पहनाने के लिए शासन ने उत्तर प्रदेश आबादी सर्वेक्षण एवं अभिलेख संक्रिया नियमावली 2020 को अधिसूचित कर दिया है।

पहली बार होगा ऐसा

ग्रामीणों को पहली बार मिलने जा रही घरौनी में संपत्ति के स्वामी का जिला, तहसील, ब्लॉक, थाना, ग्राम पंचायत का नाम दर्ज होगा। ग्राम कोड और गांव के नाम का भी उल्लेख होगा। इसमें सर्वेक्षण वर्ष भी अंकित किया जाएगा। संपत्ति का आबादी गाटा संख्या और भूखंड संख्या भी दर्ज होगा। प्रत्येक भूखंड का 13 अंकों का यूनिक आईडी नंबर भी इसमें अंकित किया जाएगा। संपत्ति के वर्गीकरण को भी इसमें दर्शाया जाएगा। जिससे पता चले कि संपत्ति किस श्रेणी या उप श्रेणी की है। आवासीय भूखंड का क्षेत्रफल (वर्ग मीटर में) और उसकी सभी भुजाओं की संख्या और उनकी लंबाई भी खरौनी में दर्ज होगी। भूखंड की चौहद्दी का भी इसमें उल्लेख होगा।

आप भी जानें कि क्या है घरौनी

अब किसान के पास खेती के कागजों के साथ घर के कागज भी सरकारी रिकार्डों में दर्ज होंग,। जिससे ग्रामीण एक क्लिक में तहसील से अपने घर के कागजात निकाल सकेंगे। जिसे घरौनी कहा जाएगा। इसके लिए शासन ने स्वामित्व योजना शुरू की है।

ये होगा फायदा

स्वामित्व योजना का फायदा यह होगा कि गांवों में संपत्तियों पर कब्जे को लेकर लड़ाई-झगड़े में कमी आएगी। गांव के लोग अपने मकान की घरौनी को बंधक रखकर बैंक से अपनी जरूरतों के लिए कर्ज ले सकेंगे। ड्रोन फोटोग्राफी के आधार पर आबादी क्षेत्र का मानचित्र तैयार किया जाएगा और उसमें दर्शाये गए मकानों और अलग दर्शाए गए स्थानों की नंबरिंग की जाएगी।

लिखा जाएगा सभी का नाम

नंबरिंग के आधार पर प्रत्येक घर के गृह स्वामी का नाम लिखा जाएगा। यदि घर में संयुक्त रूप से कई भाई रहते हैं तो सभी के नाम और उनके हिस्से भी लिखे जाएंगे। आबादी क्षेत्र के नक्शे के आधार पर गृह स्वामियों की सूची तैयार की जाएगी। सार्वजनिक भूमि, नाली, खड़ंजा, रास्ता, मंदिर, मस्जिद आदि के अलग-अलग नंबर दिए जाएंगे। आबादी क्षेत्र की संपत्तियों को नौ श्रेणियों में बांटा जाएगा। सर्वेक्षण के आधार पर तैयार की गई सूची गांव में प्रकाशित की जाएगी।

गांव के हर मकान की यूनीक आइडी

स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों को दी जाने वाली घरौनी में हर मकान का यूनीक आइडी नंबर दर्ज होगा। 13 अंकों के इस आइडी नंबर में पहले छह अंक गांव के कोड को दर्शाएंगे। अगले पांच अंक आबादी के प्लांट नंबर को दर्शाएंगे और आखिरी के दो अंक उसके संभावित विभाजन को दर्शाएंगे।

ये होंगी नौ कैटेगरी

-केंद्र सरकार के विभाग, निगम, प्राधिकरण आदि के भवन, भूमि

-राज्य सरकार के विभाग, निगम आदि के भवन और भूमि

-अर्ध सरकारी संस्थाओं के भवन और भूमि

-सहकारी संगठन, स्वयं सहायता समूह के भवन व भूमि

-ग्राम पंचायत/स्थानीय निकाय के भवन व भूमि

-निजी/व्यक्तिगत/पारिवारिक भवन व भूमि

-निजी कंपनी, कॉरपोरेशन, फर्म आदि के भवन व भूमि

-न्याय व धर्मार्थ संस्थाओं, एनजीओ के भवन व भूमि

-अन्य भवन व भूमि।


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