पीएम मोदी राजपथ पर प्रयागराज का ढेढ़िया लोकनृत्य देख हुए प्रभावित, ट्वीट में की सराहना
प्रधानमंत्री ने अपने टि्वटर हैंडल पर परेड पर हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रदर्शन की जो चार फोटो पोस्ट की उसमें सुप्रिया डांस ग्रुप भी शामिल रहा। इस पर ग्रुप की प्रमुख सुप्रिया सिंह रावत ने खुशी जताई। एनसीजेडसीसी निदेशक प्रोफेसर सुरेश शर्मा ने भी डांस ग्रुप को बधाई दी
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। नई दिल्ली के राजपथ पर 73वें गणतंत्र दिवस की भव्य परेड में प्रयागराज की भी जोरदार प्रस्तुति रही। यहां के सुप्रिया डांस ग्रुप ने परंपरागत ढेढ़िया लोकनृत्य प्रस्तुत कर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत उपस्थित अन्य अतिथियों का मन मोह लिया। प्रधानमंत्री ने अपने टि्वटर हैंडल पर परेड पर हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रदर्शन की जो चार फोटो पोस्ट की उसमें सुप्रिया डांस ग्रुप भी शामिल रहा। इस पर ग्रुप की प्रमुख सुप्रिया सिंह रावत ने खुशी जताई। एनसीजेडसीसी (उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र) के निदेशक प्रोफेसर सुरेश शर्मा ने भी डांस ग्रुप को बधाई दी है।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में अखिल भारतीय नृत्य प्रतियोगिता 'वंदे भारतम नृत्य उत्सव' में बेतहरीन प्रदर्शन करने पर सुप्रिया डांस ग्रुप का गणतंत्र दिवस की परेड के लिए चयन दिसंबर माह में ही हो गया था। बुधवार को परेड में देश् भर के 480 कलाकारों ने हिस्सा लिया, जिनका संयोजन एनसीजेडसीसी ने किया। निदेशक प्रोफेसर सुरेश शर्मा ने बताया कि यह उनके और प्रयागराज के लिए गर्व की बात है। सभी कलाकार कुल 12 मिनट तक राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के सामने रहे।
अल्लापुर निवासी सुप्रिया सिंह रावत ने बताया कि लोकनृत्य प्रदर्शन में उनके साथ, रंगोली तिवारी, तनिष्का जायसवाल, मधुरिमा श्री, अनुश्री दुबे, प्रकृति मौर्या, वर्तिका दुबे, कृत्रिका अग्रवाल, स्नेही शर्मा, सौम्या चंद्रा और प्राची यादव शामिल रहीं। यह सभी कलाकार प्रयागराज की रहने वाली हैं।
राष्ट्रीय पटल पर पहुंचा ढेढ़िया
गणतंत्र दिवस की परेड में प्रदर्शन का अवसर मिलने से प्रयागराज का ढेढ़िया नृत्य राष्ट्रीय पटल पर आ गया। वैसे तो इसका प्रदर्शन एनसीजेडसीसी के राष्ट्रीय शिल्प मेले व अन्य अवसरों पर भी होता रहा है लेकिन, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के सामने देश भर के अन्य कलाकारों के साथ हुए प्रदर्शन ने इस लोकनृत्य को एक नई ऊंचाई दी। जाे प्रयागराज के लिए भी गर्व की बात है।