Covid 19 Third Wave से लडऩे का प्लान 'ए' ही कमजोर, जानें स्वास्थ्य विभाग की तैयारी का हाल
तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय यानी बेली अस्पताल में 209 और काल्विन अस्पताल में महज 206 बेड ही हैं। यही तादाद कोरोना की दूसरी लहर से पहले भी थी। इन सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग ने बेड बढ़ाने पर कोई ठोस योजना नहीं बनाई है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कोरोना की दूसरी लहर से पहले वायरस के खतरनाक प्रभाव को लेकर लोग गफलत में रहे और अब लगता है कि इसकी तीसरी लहर से पहले स्वास्थ्य विभाग गफलत में है। विभाग की लचर व्यवस्था देखकर तो यही अनुमान लगाया जा रहा है। चिकित्सा संसाधनों की तैयारी महज दोगुनी है, जबकि 59 लाख की आबादी वाले जिले में केवल एक लेवल थ्री कोविड अस्पताल है। उसमें भी महज 1200 बेड हैं। ऐसे में कोविड की तीसरी लहर का कितना मुकाबला कर पाएंगे यह बड़ा सवाल है। स्वास्थ्य विभाग का प्लान 'ए' ही पर्याप्त नहीं है। प्लान 'बी' और 'सी' तो अभी दूर है।
यह है चिकित्सा इंतजाम
01 लेवल थ्री कोविड अस्पताल
02 लेवल टू कोविड अस्पताल
180 बेड चार अस्पतालों के पीकू वार्ड में
1200 बेड लेवल थ्री कोविड अस्पताल में
600 बेड थे लेवल थ्री कोविड अस्पताल में
02 आक्सीजन उत्पादन प्लांट नए हैं एसआरएन में
02 आक्सीजन प्लांट पहले से थे
04 सीएचसी 10-10 बेड के हैं तैयार
500 डाक्टरों को दी जा रही है पीडियाट्रिक ट्रेनिंग।
ऐसे कैसे हो पाएगी कोरोना से लड़ाई
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में बेड को लेकर मारामारी मची थी। हर एक बेड के लिए 20-25 जरूरतमंदों को दरकार थी। केरल से उठ रही तीसरी लहर भी खतरनाक बताई जा रही है। लोगों का भी कहना है कि तैयारी कितनी भी हो जाए, तीसरी लहर आई तो नुकसान करके ही जाएगी। ऐसे में महज दोगुनी तैयारी कर लेने से चिकित्सा इंतजाम फिर भी बौने ही हैं।
बेली, काल्विन में नहीं बढ़े बेड
तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय यानी बेली अस्पताल में 209 और काल्विन अस्पताल में महज 206 बेड ही हैं। यही तादाद कोरोना की दूसरी लहर से पहले भी थी। इन सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग ने बेड बढ़ाने पर कोई ठोस योजना नहीं बनाई है जिससे कि दूसरी लहर में हुई आपाधापी जैसी स्थिति तीसरी लहर में भी होने के आसार हैं। हालांकि इन अस्पतालों में आक्सीजन की उपलब्धता के इंतजाम किए जा रहे हैं।
स्ट्रेचर जस के तस
स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में स्ट्रेचर की भारी कमी के बावजूद इनकी संख्या बढ़ाने की कार्ययोजना काफी कमजोर है। अभी भी अच्छे स्ट्रेचर पर दवाएं और गैस सिलिंडर ढोए जा रहे हैं और मरीजों के लिए टूटे फूटे स्ट्रेचर ही उपलब्ध हैं।
चिकित्सा इंतजाम पर्याप्त : मेडिकल कालेज के प्राचार्य
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्राचार्य डाक्टर एसपी सिंह ने कहा कि हमने जो भी चिकित्सा इंतजाम किए हैं, वह पर्याप्त हैं। दूसरी लहर के दौरान भी जो संक्रमित आए थे उन्हें लेवल थ्री कोविड अस्पताल में बेड दिए गए थे। जितने बेड यहां बढ़ा दिए गए हैं, उसके अनुसार केजीएमयू लखनऊ के बाद प्रयागराज दूसरे नंबर पर है।