PFMS: प्रयागराज में क्षेत्र पंचायत की धनराशि अन्यत्र भेजी जा रही थी, कई पर गिरेगी गाज
PFMS ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए जो सरकारी धनराशि आती है उसके प्रति सरकारी अधिकारी कितने लापरवाह हैं इस एक मामले से उनकी कलई खुल गई है। इस मामले में एक दो महीने नहीं बल्कि डेढ़ साल से लापरवाही बरती जा रही थी।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में क्षेत्र पंचायत मेजा का पैसा आंध्र प्रदेश की फर्म को भेजने के मामले में पंचायतीराज विभाग के कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है। इस मामले में कई स्तर पर घोर लापरवाही बरती गई है। मामला प्रकाश में आने के बाद अधिकारी उस पैसे को वापस लाने में जुट गए हैं। हालांकि जो पैसा निकल चुका है, उसे वापस लाना आसान नहीं है।
ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए जो सरकारी धनराशि आती है उसके प्रति सरकारी अधिकारी कितने लापरवाह हैं, इस एक मामले से उनकी कलई खुल गई है। इस मामले में एक दो महीने नहीं बल्कि डेढ़ साल से लापरवाही बरती जा रही थी। पैसा भेजने वाले जिम्मेदारों ने रिमाइंडर के बावजूद भी उसे सुधारने का प्रयास नहीं किया। अब कार्रवाई से बचने के लिए अलग-अलग बहाने बनाए जा रहे हैं।
2019 में क्षेत्र पंचायत के पैसों की निगरानी के लिए पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) लागू किया गया था। इस सिस्टम के लागू होने के बाद किस स्तर की निगरानी हुई है, वह भी इस मामले के बाद सामने आ गई है। निगरानी के नाम पर केवल औपचारिकता हुई है जबकि लापरवाही बड़े स्तर पर हुई है। जिसके लिए धनराशि भेजी जा रही थी, उसको न मिल कर यह किसी दूसरे को मिल रही थी। इसकी निगरानी करने वाले डेढ़ साल तक मूकदर्शक बने रहे। इस मामले में केवल खाता दुरुस्त करने की बात थी। अगर समय रहते बीडीओ (खंड विकास अधिकारी) की शिकायत पर ध्यान दें दिया होता तो इतनी बड़ी गड़बड़ी न होती। लेकिन एकाउंटेंट ने पैसे भेजने के बाद उसकी सुध ही नहीं ली।
डीपीआरओ रेनू श्रीवास्तव ने बताया कि बाबू की मामूली गलती से इतना बड़ा मामला हो गया है। अब हमारी पहली प्राथमिकता है कि उस पैसे को वापस लाया जाए। इसके लिए बैंक को पत्र लिखा गया है साथ ही उस व्यक्ति से संपर्क किया गया है जिसके खाते में गलती से पैसे चले गए हैं। उम्मीद है कि जल्दी ही वह धनराशि वापस मिल जाए।