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असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में चयनित महिलाओं को सिर्फ महिला कॉलेज आवंटित करने को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती

इलाहाबाद हाई कोर्ट में उत्तर प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर पद पर चयनित महिला अभ्यर्थियों को उच्च मेरिट के बावजूद केवल महिला कॉलेज आवंटित करने के खिलाफ याचिका दाखिल हुई है। याचिका पर कोर्ट ने उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग प्रयागराज और प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है

By Umesh Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 09:16 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 09:17 PM (IST)
असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में चयनित महिलाओं को सिर्फ महिला कॉलेज आवंटित करने को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती
असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में चयनित महिलाओं को सिर्फ महिला कॉलेज आवंटित करने को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट में उत्तर प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर पद पर चयनित महिला अभ्यर्थियों को उच्च मेरिट के बावजूद केवल महिला कॉलेज आवंटित करने के खिलाफ याचिका दाखिल हुई है। याचिका पर कोर्ट ने उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग प्रयागराज और प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि इस दौरान याचीगण की ओर से दी गई वरीयता के कॉलेजों में किसी की नियुक्ति की जाती है तो वह इस याचिका पर होने वाले निर्णय पर निर्भर करेगी।

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यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने पूजा दुबे व अन्य की याचिका पर दिया है। याचीगण असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के विज्ञापन संख्या 42 के तहत शिक्षा विषय में चयनित हैं। रेग्युलेशन 2014 के तहत परिणाम मेरिट के अनुसार घोषित किया जाना चाहिए। इसके अनुसार मेरिट में ऊपर रहने वाली महिला अभ्यर्थी सामान्य कॉलेज और महिला कॉलेज दोनों की वरीयता दे सकती है।

उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग ने याचियों को सिर्फ महिला कॉलेजों के लिए सीमित कर दिया है, जबकि अन्य विषयों में ऐसा नहीं किया गया और अभ्यर्थियों को उनकी वरीयता के अनुसार नियुक्ति दी गई। आयोग ने अपने ही दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया है। कोर्ट ने मुद्दे को विचारणीय मानते हुए आयोग से जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई आठ फरवरी को होगी।

आयोग को ओएमआर शीट की प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को आबकारी विभाग में कांस्टेबल भर्ती के अभ्यर्थियों याचियों को तीन हफ्ते में ओएमआर शीट की प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि यदि याचीगण प्राप्त अंक से अधिक अंक पाते हैं तो वे नियमानुसार कार्रवाई कर सकते हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने अश्विनी आर्या व 13 अन्य की याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता एमए सिद्दीकी का कहना था कि याचियों ने अधिक सवालों के सही उत्तर दिए है। लेकिन, उन्हें कम अंक दिया गया है। वेबसाइट पर अपलोड उत्तरकुंजी से मिलाने करने से पता चला कि उन्हेंं कम अंक दिया गया है। आयोग के अधिवक्ता प्रभाकर अवस्थी ने कहा कि यदि याचीगण आवेदन देंगे तो उन्हें ओएमआर शीट की प्रति उपलब्ध करायी जाएगी। इस पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है।


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