यूपीपीएससी की समीक्षा अधिकारी परीक्षा 2016 में माइनस मार्किंग के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका
अभ्यर्थियों का आरोप है कि यूपीपीएससी की समीक्षा अधिकारी परीक्षा 2016 में बड़ी संख्या में अनियमितता की गई है परीक्षा को फिर से कराने के लिए भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष कौशल सिंह की ओर से इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
प्रयागराज [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने समीक्षा अधिकारी परीक्षा 2016 के मूल विज्ञापन को परिवर्तन कर माइनस मार्किग को लागू किया गया है। साथ ही उत्तरकुंजी और कटआफ भी जारी नहीं किया गया। इससे अभ्यर्थियों का आरोप है कि आरओ 2016 की परीक्षा में बड़ी संख्या में अनियमितता की गई है, परीक्षा को फिर से कराने के लिए भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष कौशल सिंह की ओर से इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। श्रीति सिंह व अन्य जिसके अधिवक्ता सौरभ बसु हैं की सुनवाई मंगलवार को होनी है।
भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा का कहना है कि इस परीक्षा में प्रश्नों में भी बड़ा उलटफेर हुआ, जिसकी वजह से 120, 125 और 128 अंक पाने वाले प्रतियोगियों का मुख्य परीक्षा के लिए चयन नहीं हुआ है। इन प्रश्नों का जवाब आयोग देने को तैयार नहीं, इस दशा मेें अन्याय के खिलाफ प्रतियोगी छात्रों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और एक उम्मीद है कि इसमें प्रतियोगियों को न्याय मिलेगा। नियम के अनुसार किसी भी परीक्षा का मूल विज्ञापन परीक्षा के बीच में परिवॢतत नहीं किया जा सकता।
भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष कौशल सिंह का कहना है कि समीक्षा अधिकारी 2016 के लिए लंबी लड़ाई लड़ेंगे। पूर्व में जब समीक्षा अधिकारी की परीक्षा हुई थी तो कोई भी बदलाव नहीं हुए थे उसके बाद पेपर आउट हुआ और एक लंबे संघर्ष के बाद निरस्त कराकर फिर से परीक्षा विवादित हो गई है। उधर, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का कहना है कि नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जब यह तय हो चुका है कि हर परीक्षा में माइनस मार्किंग होगी तो इसे बाहर कैसे किया जा सकता है। प्रतियोगियों के हर सवाल का जवाब दिया जाएगा।