निराला सभागार में पुस्तक प्रदर्शनी में जुट रहे लोग, प्रो. राजेंद्र ने कहा- किताबों से करें मित्रता
आलोचक प्रो. अली अहमद फातमी ने कहा कि तकनीक के दौर में किताबें पहले से अधिक महत्वपूर्ण हो गई हैं। विद्यार्थियों के साथ अध्यापकों को किताबें पढऩे की आदत डालनी चाहिए। डा. धनंजय चोपड़ा ने कहा कि किताबें मानसिक स्वास्थ्य व मानवीय व्यवहार को बेहतर बनाने में सहायक होती हैं
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। ज्ञान से परिपूर्ण किताबें जिंदगी बनाने और उसे सही दिशा में चलाने का सशक्त माध्यम हैं। हर व्यक्ति के पास कुछ बेहतर किताबें होनी चाहिए। उक्त बातें वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. राजेंद्र कुमार ने कही। वे साहित्य भंडार द्वारा निराला सभागार में आयोजित पांच दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। युवाओं को प्रेरित करते हुए बोले कि जीवन में कुछ हटकर करना है तो किताबों से मित्रता करें। किताबों में समाए ज्ञान के सागर में गोता लगाने वाला व्यक्ति ही जीवन में बड़ा मुकाम हासिल करता है।
कहा कि इंटरनेट मीडिया से मिलने वाला ज्ञान अस्थायी होता है। वहीं, किताबें स्थायी ज्ञान देकर जीवन में बदलाव जाती हैं। प्रो. संतोष भदौरिया ने कहा कि शब्दों में बहुत ताकत होती है। आजादी के आंदोलन में शब्दों की बड़ी भूमिका थी। शब्दों का सागर किताबों में मिलता है। आलोचक प्रो. अली अहमद फातमी ने कहा कि तकनीक के दौर में किताबें पहले से अधिक महत्वपूर्ण हो गई हैं। विद्यार्थियों के साथ अध्यापकों को किताबें पढऩे की आदत डालनी चाहिए। डा. धनंजय चोपड़ा ने कहा कि किताबें मानसिक स्वास्थ्य व मानवीय व्यवहार को बेहतर बनाने में सहायक होती हैं। कोरोना काल में किताबों ने मनुष्य को नई ऊर्जा दी थी। स्वागत विभोर अग्रवाल व संचालन डा. धीरेंद्र प्रताप सिंह ने किया, जबकि आभार यश अग्रवाल ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम में हरिश्चंद्र पांडेय, डा. अमृता सिंह, डा. वर्षा अग्रवाल, प्रवीण शेखर, अरिंदम घोष, आरती चिराग, राज नारायण, संगम लाल मौजूद रहे।
दिगंबर जैन मुनि के भीतर ज्ञान का भंडार
प्रयागराज : दिगंबर जैन मुनि आचार्य विद्या सागर के 50 वें पद ग्रहण वर्ष के उपलक्ष्य में स्पेशल डाक कवर जारी किया गया। प्रधान डाकघर में प्रवर डाक अधीक्षक डॉ. अंकुश भगत, दिनेश जैन, अनूप जैन, प्रभाकर त्रिपाठी, उमेंद्र जैन ने संयुक्त रूप से जारी किया। प्रवर डाक अधीक्षक ने कहा कि पद ग्रहण के 50वें वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में स्पेशल डाक कवर जारी कराना आचार्य के प्रति जैन समाज के लोगों की आस्था को दर्शाता है। जैन मुनि ने गोरक्षा, समाज सेवा, बेटियों की शिक्षा पर विशेष बल दिया है। उनके भीतर ज्ञान का भंडार है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक संत को आधा दर्जन से अधिक भाषाओं का ज्ञान है। इस दौरान विकास जैन, निर्मल जैन, संगीता जैन, सुभद्रा जैन, रश्मि जैन, राजेश जैन, फिलेटलिक डॉ. मनीषी बंसल, एम गुलरेज, राहुल गांगुली, आशीष द्विवेदी आदि मौजूद रहे। संयोजक उमेंद्र कुमार जैन ने बताया कि यह अवसर जैन समाज के लिए खास है, जिसके उपलक्ष्य में स्पेशल कवर जारी कराया गया है।