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प्रयागराज में एक ही परिवार के अनाथ बच्चों की मदद को बढ़े हाथ, बच्‍चों के अच्‍छे दिन आने की उम्‍मीद

चार अनाथ बच्चों की मदद को कई लोग आगे आए हैं। कोई बच्चों को अपने साथ रखना चाहता है तो कोई आर्थिक और खाद्यान्न देकर उनकी मदद करना चाहता है। वहीं न्याय विहार रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी लगातार बच्चों की मदद कर रहे हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 11:36 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 11:36 AM (IST)
प्रयागराज में एक ही परिवार के अनाथ बच्चों की मदद को बढ़े हाथ, बच्‍चों के अच्‍छे दिन आने की उम्‍मीद
एक ही परिवार के चार अनाथ बच्‍चों की मदद के लिए प्रयागराज के लोग आगे आने लगे हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। धूमनगंज थाना क्षेत्र के न्याय नगर मुहल्ले के रहने वाले चार अनाथ बच्चों की मदद को कई लोग आगे आए हैं। कोई बच्चों को अपने साथ रखना चाहता है तो कोई आर्थिक और खाद्यान्न देकर उनकी मदद करना चाहता है। वहीं न्याय विहार रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी लगातार बच्चों की मदद कर रहे हैं। प्रशासन तक से गुहार लगा रहे हैं कि उनके भविष्य को देखते हुए उनकी शिक्षा व अन्य बातों को लेकर कोई उचित कदम उठाया जाए, ताकि बच्चों का भविष्य उज्जवल हो सके। 

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निहाल को कोसते नहीं थकते मुहल्ले के लोग

बच्चों के पिता निहाल को आज भी लोग कोसते रहते हैं। उसकी करतूत को लेकर सभी यह कहते हैं कि पता नहीं कैसा व्यक्ति था, जिसने अपने बच्चों तक का मुंह नहीं देखा और पत्नी को मौत के घाट उतार दिया। बता दें कि सात नवंबर को निहाल ने अपनी पत्नी सुनीता को डंडे से मारकर मौत के घाट उतार दिया था। उस समय घर में उसके बच्चे शांतनु, सुकन्या, सत्यम और शिवम मौजूद थे। सभी बच्चे मां की पिटाई देखकर रो रहे थे और निहाल को रोक रहे थे, लेकिन उसके सिर पर तो मानो भूत सवार था। बच्चों को धक्का देते हुए वह डंडे से सुनीता पर तब तक वार करता रहा, जब तक उसने दम नहीं तोड़ दिया था। 

न्याय विहार रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन ने किया था सुनीता का अंतिम संस्कार

निहाल नशे का जबरदस्त तरीके से आदी था। वह एक रुपये भी घर में नहीं छोड़ता था। यही वजह थी कि जब सुनीता की हत्या हुई तो उसके शव का अंतिम संस्कार के लिए भी बच्चों के पास रुपये नहीं थे। न्याय विहार रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने ही मदद करते हुए शव का अंतिम संस्कार करवाया था।


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