न अपनी फिक्र न परिवार की चिंता, बिना मास्क लगाए भीड़ में जा रहे लोग, Prayagraj में हर तरफ लापरवाही
खतरनाक बात यह है कि डॉक्टर और एक्सपर्ट भी कह रहे हैं कि कोरोना का नया स्ट्रेन पिछली बार की तुलना में घातक है। यह कम उम्र के लोगों की चपेट में लेकर उनकी हालत बिगाड़ रहा है। इसके बावजूद लोग बाज आने को तैयार नहीं दिख रहे हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। शनिवार दोपहर तकरीबन तीन बजे का वाकया। खुल्दाबाद में चक निरातुल मुख्य मार्ग। जगह-जगह लोग साथ बैठे बातचीत कर रहे हैं। बच्चे भी हैं और बुजुर्ग भी। एक जनरल स्टोर पर सात-आठ लोग मौजूद हैं। किसी के चेहरे पर मास्क नहीं। न तो कोरोना वायरस का डर दिख रहा है और न खुद या परिवार की चिंता।
दूसरा नजारा सिविल लाइंस में मुख्य डाकघर के बाहर करीब साढ़े तीन बजे का है। चाय-पान और नाश्ते की दुकानों पर भीड़ है। लोग एक-दूसरे से सटकर खड़े बतिया रहे हैं। इनमें भी कोरोना वायरस की कोई फिक्र नहीं नजर आ रही है। नाश्ते और चाय की दुकानों पर बिना मास्क लगाए लोग ऐसे भीड़ में जुटे हैं जैसे इससे जरूरी कोई काम ही नहीं है। वहां मौजूद 50 लोगों में बमुश्किल दो-तीन लोगों के चेहरे पर मास्क था वो भी नाक के नीचे। साफ है कि लोगों में कोई सजगता या जागरूकता दिख नहीं रही है।
तब दिखता था सन्नाटा अब हर तरफ भीड़
कोरोना की दूसरी लहर आ चुकी है। रोज कोरोना केस बढ़ रहे हैं। पिछले बीस दिन के देश भर और अपने जनपद के आंकड़े बता रहे हैं कि कोरोना महामारी फिर फैल रही है। और इस बार खतरनाक बात यह है कि डॉक्टर और एक्सपर्ट भी कह रहे हैं कि कोरोना का नया स्ट्रेन पिछली बार की तुलना में घातक है। यह कम उम्र के लोगों की चपेट में लेकर उनकी हालत बिगाड़ रहा है। इसके बावजूद लोग बाज आने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। दो गज की शारीरिक दूरी और मास्क लगाने की गाइडलाइन का कहीं पालन नहीं हो रहा है। पिछले साल इस दौरान लोग घबराए हुए थे। बहुत कम लोग घर से निकल रहे थे और वो भी सिर्फ जरूरी सामान खरीदने के लिए ही। सड़कों पर सन्नाटा दिखता था। धीरे-धीरे कोरोना केस कम होते गए और लोग लापरवाह होते चले गए। अब हालत यह है कि कोरोना फैल रहा है और लोग इसे और फैलाने का काम कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह भी कहते हैं कि लोगों को शारीरिक दूरी और मास्क लगाने के उपायों का पालन करना चाहिए वरना कोरोना का फैलाव होता रहेगा और यह जानलेवा साबित हो सकता है। पब्लिक के साथ ही पुलिस और प्रशासन भी बेपरवाह है। कहीं कहीं चेकिंग के अलावा भीड़ जुटने से रोकने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है।