पूजे गए श्रीगणेश और देवी लक्ष्मी, उल्लास से मनाई दीपावली
दीपावली का त्योहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। श्रीगणेश और देवी लक्ष्मी का पूजन-अर्चन कर दीपदान किया गया। घरों में दीप जलाए गए।
प्रयागराज : प्रयागराज जनपद समेत पड़ोसी जिले प्रतापगढ़ और कौशांबी जिलों में दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया गया। सूर्यास्त होते ही लोग दीप से दीप जलाने लगे। हर कोना प्रकाश से भर उठा और हर ओर खुशहाली छा गई। लोगों ने घरों और दुकानों में सुख-समृद्धि की कामना के साथ मां लक्ष्मी, श्रीगणेश का पूजन किया। लक्ष्मी जी को उनका प्रिय कमल पुष्प अॢपत किया गया।
दीप पर्व पर जहां चाइनीज झालरों से इमारतें जगमगा गई, वहीं गांव और कस्बों में मिट्टी के दीयों का प्रकाश फैला। दीपावली पर लोगों ने पूजन करने में मुहूर्त का खास ध्यान रखा। बुधवार को प्रात: 07:10 बजे से 09:19 बजे तक पूजन किया गया। इसमें वृश्चिक लग्न रही। हालांकि सायंकाल 06:00 बजे से रात 10:12 बजे तक वृष व मिथुन लग्न में पूजन किया गया। वहीं दिन में 11:30 से 02:57 बजे तक धनु और कुंभ लग्न में भी पूजन की धूम रही। शाम से देर रात तक लोग दीपकों को जलाए रखने में जुटे रहे।
दीपों और मोमबत्तियों से जगमग :
मोमबत्तियों से भी घरों को रोशन किया गया। रंगीन मोमबत्तियों के जलने पर उनकी आभा मनोहारी लग रही थी। लोगों ने घरों में पूजन किया। आसपास प्रसाद वितरण किया। खेतों, खलिहानों में भी दीप जलाए गए। सुख समृद्धि की प्रार्थना की गई। शाम होने पर हर गली, कूचा, सड़क, भवन, देहरी, दुकान, घूर पर भी दीये जलाए गए। इससे हर कोना जगमग करने लगा था।
एक बरिस पै लौटी दिया दियाली.. :
दीप पर्व सोशल मीडिया पर भी नजर आया। प्रतापगढ़ के लोकभाषा के कवि निर्झर प्रतापगढ़ी की यह दीपावली स्पेशल रचना यू-ट््यूब पर छाई रही..संझा होतय जगर-मगर कुल लागीं जलइ दियाली, जानि परय कि देश होइ गवा अंधियारे से खाली..देखा पंचौं एक बरिस पै लउटी दिया दियाली..।
शाम तक हुई खरीदारी, लगा जाम :
दीपावली के दिन भी शहर से गांव तक के बाजार गुलजार रहे। लोग अपनी जरूरत के सामान खरीदते रहे। चौक और आंबेडकर चौराहा पर सबसे अधिक भीड़ रही। इससे वहां जाम लगा रहा। पांच बजे के बाद तो स्थिति ऐसी हो गई कि दोपहिया वाहन से भी गुजर पाना मुश्किल हो गया। फूल की बिक्री सबसे अधिक रही। मिठाई की दुकानों पर भारी भीड़ रही। पटाखे की दुकानें भी ग्राहकों से देर शाम तक भरी रहीं।
पाबंदी के बाद भी धुआं-धुआं :
पाबंदी को दरकिनार कर लोगों ने दरकिनार कर खूब आतिशबाजी की। आसमान में कभी राकेट छोड़ रहे तो कभी रंगीन पटाखा फटकर लोगों को आकर्षित कर रहा था। तड़क-भड़क से पूरा माहौल अलग से हो गया था। धुआं और धुंध भी छा गया था। अस्पतालों और मंदिरों के आसपास भी पटाखों का शोर बेधड़क हो रहा था। लोग अपनी खुशी और उल्लास के आगे किसी पाबंदी को मानने को तैयार नहीं थे।
पुलिसं ने संभाली कमान :
दीप पर्व की धूम में प्रशासन की ङ्क्षचता कानून-व्यवस्था बनाए रखने की रही। जिला प्रशासनों ने दीपावली पर्व को लेकर अफसरों की फौज लगा रखी थी।