Ayodhya Verdict : ...ये शहर है अमन का, न कहीं जश्न और न कहीं हुआ विरोध Prayagraj News
गंगा जमुनी तहजीब के नगर में हर तरफ शांति और सौहार्द का माहौल रहा। चर्चा भले ही अयोध्या मामले पर हो रही थी लेकिन लोगों के चेहरे और व्यवहार में कोई तल्खी नहीं नजर आई।
प्रयागराज, [अंकुर त्रिपाठी]। सभी आशंकाओं को दरकिनार करते हुए गंगा-जमुनी तहजीब की संगमनगरी में लोगों ने शांति और सौहार्द बनाए रखा। अयोध्या फैसले के चलते माहौल में सुप्रीम कोर्ट में निर्णय आने की पूर्व रात से कुछ खामोशी थी लेकिन प्रयागराज के लोगों ने भाईचारा और शांति पर भरोसा रखा। फैसले के बाद न कोई जश्न हुआ और न ही विरोध दिखा। हर कोई अपने रोजमर्रा की दिनचर्या में लगा रहा। बीच-बीच में सुरक्षा बालों की गाडिय़ों के हूटर सुनाई देने के अलावा कुछ भी अलग नहीं था।
चर्चा तो अयोध्या की पर चेहरों या व्यवहार में कोई तल्खी नहीं दिखी
खुल्दाबाद हो या राजरूपपुर, करेली या कीडगंज, मीरापुर से गोविंदपुर तक हर तरफ लोग अपने काम में लगे रहे। चाय-पान की दुकानों पर लोगों में चर्चा तो अयोध्या मसले पर होती रही लेकिन चेहरों पर या किसी के व्यवहार में कोई तल्खी नहीं थी। उनमें हंसी-मजाक का भी दौर खूब चला। स्कूल, कालेजों में छुट्टी की वजह से दुकानों आदि पर लोगों की भीड़ कम रही जिससे लोग फुर्सत में भी नजर आए। नुरुल्ला रोड पर तो बच्चे बैडमिंटन खेल रहे थे जब कि दरियाबाद में सड़क पर ही क्रिकेट मैच चल रहा था।
बेफिक्र रहे गफूर चचा और मोहन दादा
अटाला चौराहे के पास एक चाय की दुकान। गफूर चाचा और मोहन दादा समेत कई लोग चाय की चुस्की ले रहे थे, तभी पुलिस की गाडिय़ां सायरन बजाते हुए गुजरीं। गफूर चाचा बोल पड़े, अमा मोहन ई लोग जबरन माहौल बना रहे हैं। हम लोगों को जब फैसला मंजूर है तो काहे का हूटर-सायरन बजाते हो भाई। इस पर मोहन दादा ने बेलौस होकर कहा, मियां गफूर हम तुम तो चालीस साल से ज्यादा गुजार दिए इसी जगह। ये सब बाहर से आए पुलिसवाले हैं। उनका सबका का पता कि हम लोगन के भाई चारा पर कौनों फैसला या विवाद से फर्क नहीं पड़ता। तुम चाय पियो मियां, ई सब तो राज-काज है। और सुनाओ घर के हाल-चाल। सब ठीक ठाक है न।