UPPCS 2017 Topper : टॉपर अमित पहुंचे पैतृक गांव, परिजनों ने गले लगाया Prayagraj News
पीसीएस में इस बार बने टाॅपर अमित शुक्ल का उनके पैतृक गांव में रविवार को पहुंचने पर फूल-मालाओं से स्वागत किया गया। सभी को इनकी प्रतिभा पर नाज है।
प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस 2017 के टॉपर अमित शुक्ल रविवार को अपने पैतृक गांव पहुंचे तो उनका भव्य स्वागत किया गया। सभी ने उन्हें हाथों हाथ लिया। परिजनों ने गले से लगाकर गर्व का अनुभव किया। उनके घर पर बधाई देने वालों की भीड़ लगी रही। सभी इस होनहार को माला पहनाने को आतुर थे।
भाई व पिता के साथ गांव पहुंचे अमित
प्रतापगढ़, जिले के किलहनापुर कुंडा के मूल निवासी पीसीएस टाॅपर अमित शुक्ल रविवार सुबह पिता उमाकांत शुक्ल मा क्षमा शुक्ला और भाई सुमित के साथ अपने गांव पहुंचे । इसी इस दौरान अमित के ताऊ परमात्मा दीन शुक्ल ने भतीजे को गले लगा लिया और गांव के लोगों ने खुशी में फूल-मालाओं से उन्हें लाद दिया। अमित जिंदाबाद, जियो किलहनापुर के नारे लगाते हुए अमित के साथ फोटो खीचाने की होड़ लगी रही। पिता उमाकांत ने सभी गाँव के लोगों का आभार व्यक्त किया। इस दौरान परिवार के बजरंगी शुक्ल, गोलू शुक्ल, रमापति त्रिपाठी, स्वामी जी, शिवपूजन, गोपेश मिश्र, बबलू पांडे, रजनीश पांडे आदि काफी संख्या मे गाँव के लोग मौजूद रहे।
दोस्त और रिश्तेदार फूले नहीं समा रहे
अमित के पीसीएस में यूपी टॉप करने पर परिवार के साथ ही दोस्त और रिश्तेदार भी गदगद हैं। प्रतापगढ़ जिले के कुंडा क्षेत्र के किलहनापुर के रहने वाले अमित अपने पिता के साथ शुरू से ही प्रयागराज में रह रहे थे। उनके पिता उमाकांत शुक्ल मेडिकल क्षेत्र में निजी व्यवसाय करते हैं और मां क्षमा शुक्ला एएनएम हैं। छोटा भाई सुमित एलएलबी कर रहा है। वह सामान्य परिवार में पैदा हुए, चुनौतियों से घबराए नहीं। उसी का नतीजा आज का यह परिणाम है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गंगा गुरुकुलम फाफामऊ में हुई। वह भले ही प्रयागराज में रहे लेकिन अपनी जन्मभूमि प्रतापगढ़ से उनका जुड़ाव हमेशा रहा है और रहेगा।
पीसीएस टॉपर अमित का अगला लक्ष्य आइएएस बनना है
वर्ष 2017 की पीसीएस परीक्षा में टॉप करने वाले प्रतापगढ़ के अमित शुक्ल वर्ष 2016 में कामर्शियल टैक्स आफिसर पद पर चयनित हुए थे, लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया था। उनका कहना है कि सफलता के लिए सबसे पहले लक्ष्य तय होना चाहिए। इसके बाद मेहनत और लगन से पढऩे से मंजिल जरूर मिलती है। अब उनका अगला लक्ष्य आइएएस बनना है। अमित कहते हैैं कि प्रशासनिक पद पर रहकर लोगों की मदद कर पाना और आसान हो जाता है।