बच्चों पर हाथ उठाने से पहले दें ध्यान, घर से भागी बच्ची ने कहा मम्मी मारती है इसलिए जा रही मुंबई
पूछताछ में उसने अपना नाम पता बताया और अपना दर्द बयां करते हुए फफक पड़ी। उसने बताया कि प्रतापगढ़ में उसका घर है। कहा मेरी मम्मी मारती है इसलिए मैं घर छोड़कर भाग आई हूं। अब मौसी के घर मुंबई जा रही हूं।
प्रयागराज, जेएनएन। ज्यादा अनुशासन थोपने या बात-बात पर हाथ उठाने पर कई बार बच्चे गलत कदम उठा लेते हैं। चाहे बाद में परिवार के लोगों को पछताना ही क्यों न पड़े। ऐसी की घटना शुक्रवार को सुबह सामने आई। जंक्शन पर एक किशोरी को आरपीएफ की टीम ने देखा तो उससे पूछताछ की तो पता चला कि वह अपनी मां द्वारा पिटाई से परेशान होकर घऱ से भागी थी और उसका इरादा मुंंबई जाने का था।
दरअसल, आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर अमित द्विवेदी और रीतू गश्त पर थीं। इस बीच प्रयागराज जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक के मुख्य हाल में बैठी एक 17 वर्षीय किशोरी पर नजर पड़ी। शक होने पर उन्होंने उससे पूछताछ की। इसके बाद सूचना पाकर मेरी सहेली टीम भी पहुंची। पूछताछ में उसने अपना नाम, पता बताया और अपना दर्द बयां करते हुए फफक पड़ी। उसने बताया कि प्रतापगढ़ में उसका घर है। कहा, मेरी मम्मी मारती है, इसलिए मैं घर छोड़कर भाग आई हूं। अब मौसी के घर मुंबई जा रही हूं। टीम ने चाइल्ड लाइन को सूचना दी और किशोरी को आरपीएफ पोस्ट पर लाया गया। चाइल्ड लाइन से प्रतीश शुक्ला आरपीएफ पोस्ट पर पहुंचे। एसआइ अमित द्विवेदी ने बताया कि कागजी कार्रवाई होने के बाद प्रतापगढ़ के जेठवारा थाने के प्रभारी को सूचना दी गई। चाइल्ड लाइन के पास महिला सदस्य न होने के कारण किशोरी को आरपीएफ की महिला कॉन्स्टेबल प्रेम कुमारी के साथ कोविड टेस्ट के लिए भेजा गया। इसके बाद सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश करने के बाद बाल संरक्षण गृह भेजा जाएगा।
नाम पता नोट कर रही मेरी सहेली की टीम
प्रयागराज रामबाग पर आरपीएफ की ओर से गठित मेरी सहेली टीम सक्रिय है। ये टीम सफर करने वाली सभी महिलाओं का नाम व पता नोट करती हैं। ताकि उन्हें रास्ते में कोई दिक्कत होने पर मदद उपलब्ध कराई जा सके।