पौष पूर्णिमा 2022: त्रिग्रहीय योग में स्नान करने से मिलेगा पुण्य लाभ, संगम में स्नानार्थियों की जुटी भीड़
Paush Purnima 2022 ज्योतिर्विद आचार्य पं. देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार पूर्णिमा तिथि रविवार की रात 2.40 बजे लगकर मंगलवार की भोर 4.30 बजे तक रहेगी। मकर राशि में सूर्य बुध व शनि का संचरण होगा। पुनर्वसु नक्षत्र वैधृति योग लगने से स्नान पर्व का महत्व बढ़ गया है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज माघ मेला 2022 का दूसरा स्नान पर्व पौष पूर्णिमा आज सोमवार को हो रहा है। पवित्र बेला में संगम के पावन जल में डुबकी लगाने के लिए लाखों श्रद्धालुओं ने प्रयागराज में गंगा, यमुना के पावन संगम में स्नान किया। भक्तिभाव से ओतप्रोत होकर सनातन धर्मावलंबी प्रयागराज में संगम के पवित्र जल में डुबकी लगा रहे हैं। पौष पूर्णिमा से अखंड तप कल्पवास का विधिवत आरंभ हो गया है।
कोरोना गाइडलाइन का किया जा रहा पालन
माघ मेला के दूसरे स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर सोमवार की भोर से संगम व गंगा जल में स्नान का सिलसिला शुरू हो गया है। मेला क्षेत्र में लाखों की भीड़ होने के बावजूद कोरोना को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। अधिकतर श्रद्धालु मास्क लगाकर मेला क्षेत्र पहुंच रहे हैं, जिनके पास मास्क नहीं है उन्हें स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की ओर से दिया जा रहा है। पौष पूर्णिमा से संगम की रेती पर गृहस्थों का अखंड तप कल्पवास शुरू हो गया है। स्नान के बाद कल्पवासी तीर्थपुरोहितों के मंत्रोच्चार के बीच पूजन करके कल्पवास शुरू कर रहे हैं। अखंड तप शुरू करने से पहले पूर्वजों व आराध्य का नमन किया।
आज से कल्पवास शुरू
एक दिन पूर्व से ही ट्रैक्टरों, बसों में गृहस्थी का सामान लेकर कल्पवासी मेला क्षेत्र पहुंचने लगे। उन्होंने मेला क्षेत्र में पहुंच कर शिविर दुरुस्त करके उसमें आसरा लिया। पौष पूर्णिमा से ही एक माह का कल्पवास शुरू हो जाएगा। ग्रह-नक्षत्रों की अद्भुत जुगलबंदी से इस स्नान पर्व का महत्व बढ़ गया है। गंगा, यमुना के संगम में आस्था की डुबकी लगाने श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी है। माघ मेले के द्वितीय स्नान पर्व पर आज सुबह 11:30 बजे तक लगभग 150000 लोगों ने स्नान किया।
जानें, कब तक है पौष पूर्णिमा का स्नान
ज्योतिर्विद आचार्य पं. देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार पूर्णिमा तिथि रविवार की रात 2.40 बजे लगकर मंगलवार की भोर 4.30 बजे तक रहेगी। मकर राशि में सूर्य, बुध व शनि का संचरण होगा। पुनर्वसु नक्षत्र, वैधृति योग लगने से स्नान पर्व का महत्व बढ़ गया है। उक्त कालखंड में पवित्र नदी में स्नान करके कल्पवास का अखंड तप करने से मन के समस्त कामनाएं पूर्ण होंगी।
भद्रा में न करें यह काम
पराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार सोमवार की दोपहर 3.35 बजे तक भद्रा है। भद्रा में व्रत व पूजन करने का प्रतिबंध नहीं है। ऐसी स्थिति में श्रद्धालु भद्रा काल में संगम व गंगा में स्नान के बाद पूजन करके कल्पवास आरंभ कर सकते हैं। इसके अलावा गृह प्रवेश, नए प्रतिष्ठान का शुभारंभ, नींव पूजन आदि नहीं करना चाहिए।
18 जनवरी तक सिविल लाइन साइड से जंक्शन में प्रवेश बंद
माघ मेला के दौरान पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे ने 18 जनवरी तक सिविल लाइंस साइड से प्रवेश बंद कर दिया गया है। रविवार दोपहर 12 बजे से सिविल लाइंस साइड से यात्रियों का प्रवेश रोका गया। कुछ यात्रियों ने इतनी दूर आ जाने के बाद घूम कर जाने और समय कम होने को लेकर मिन्नत भी की। हालांकि नियमों की जानकारी देकर उन्हें प्लेटफार्म नंबर एक की ओर से ही प्रवेश करने के लिए भेजा गया। इसके कारण यात्रियों को काफी घूम कर स्टेशन पहुंचना पड़ा। फिलहाल यह व्यवस्था अगले दो दिनों तक यानी 18 जनवरी की रात्रि 12 बजे तक लागू रहेगी।
भीड़ बढ़ने पर एनसीआर चलाएगा स्पेशल ट्रेन
19 जनवरी से पुन: यात्री सिविल लाइंस की ओर से प्रवेश कर सकेंगे। वहीं स्नान पर्व पर अगर भीड़ बढ़ती है तो एनसीआर भी अपनी ओर से कुछ स्पेशल ट्रेन चलाएगा। माघ मेला पर स्नान पर्व के दौरान प्रतिवर्ष रेल प्रशासन यह नियम लागू करता है। जिससे भीड़ में टकराहट की स्थिति उत्पन्न न हो और यात्री आसानी से प्लेटफार्म तक आ जा सकें। मगर संक्रांति पर भी सिविल लाइंस साइड से प्रवेश बंद रखा गया था। यहां से यात्री केवल बाहर निकल सकते हैं।
मौनी अमावस्या, वसंत पंचमी व दो अन्य स्नान पर्वों पर भी प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा
प्रयागराज मंडल के पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि 18 जनवरी की रात 12 बजे तक सिविल लाइंस साइड से प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। मौनी अमावस्या, वसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि पर भी स्नान तिथि से एक दिन पहले व एक दिन बाद तक प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।