प्रतापगढ़ में मरीजों को सेंट्रल लैब का मिलेगा तोहफा, जांच के लिए अब अन्य जिले नहीं जाना पड़ेगा
मेडिकल कालेज के पैथोलाॅजी विभाग की हेड डा. दीपिका केसरवानी कहती हैं कि राजकीय मेडिकल कालेज जैसे-जैसे अपना स्वरूप ले रहा है मरीजों को बेहतर सुविधाओं की उम्मीद बढ़ती जा रही है। अब यहां पर पैथाेलाजी संबंधी समस्याएं दूर होने वाली हैं। पैथाेलाजी को सेंट्रल स्वरूप दिया जा रहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। हाईटेक युग में चिकित्सा व्वयस्था भी समृद्ध हो गई है। अब छोटे शहरों में भी इलाज और जांच की सुविधा सरकार प्रदान कर रही है। ऐसा ही यूपी का एक जिला है प्रतापगढ़। यहां जब मेडिकल कालेज की स्थापना नहीं हुई थी तो हास्पिटल का बड़ा स्वरूप जिला अस्पताल ही था। यहां की पैथोलाजी में कई महत्वपूर्ण नहीं होतीं। थायराइड की समस्या तमाम लोगों को होती है लेकिन इसकी जांच इस अस्पताल में नहीं होती। हार्मोन से संबंधित जांच की भी यहां सुविधा नहीं है। इसके साथ ही विटामिन संबंधित जांच की भी यहां सुविधा नहीं है। आर्थराइटिस के केस में विटामिन की जांच डाक्टर लिखते हैं तो मरीजों को अन्य जिलों में जाना पड़ता है। वहां जाकर ही टेस्ट कराने पर विवश होते हैं। इसके लिए मरीजों को पांच से सात सौ रुपये तक खर्च भी करने पड़ते हैं।
मरीजों की सभी प्रकार की जांच की प्रतापगढ़ में सुविधा
प्रतापगढ़ में सेंट्रल लैब की सुविधा मिलेगी। इसके बन जाने पर यह सब जांचें यहां होने लगेंगीं। लैब का संचालन रात में भी किया जाएगा। दोपहर के बाद आने वाले मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा। यह समस्या दूर हो जाएगी। मेडिकल कालेज के पैथोलाॅजी विभाग की हेड डा. दीपिका केसरवानी कहती हैं कि राजकीय मेडिकल कालेज जैसे-जैसे अपना स्वरूप ले रहा है, मरीजों को बेहतर सुविधाओं की उम्मीद बढ़ती जा रही है। अब यहां पर पैथाेलाजी संबंधी समस्याएं दूर होने वाली हैं। पैथाेलाजी को सेंट्रल स्वरूप दिया जा रहा है।
लैब व्यवस्था दुरुस्त करने का कमिश्नर ने दिया था निर्देश
प्रताप बहादुर पुरुष अस्पताल में और महिला अस्पताल में अलग-अलग पैथाेलाजी चलती है। इन दोनों को एक करके सेंट्रल स्वरूप दिया जाएगा। मेडिकल कालेज का यही मानक भी होता है। हाल ही में मेडिकल कालेज के दौरे पर आए कमिश्नर संजय गोयल ने भी लैब व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा था। इसके बाद से इसकी कवायद और तेज हो गई। नई व्यवस्था शुरू होने पर वह जांचें भी होने लगेंगी जो अब तक नहीं होतीं। मरीजों को सुविधा देने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। मरीजों को कई तरह की जांचों के लिए पैसे नहीं खर्च करने पड़ेगे। गरीबों को भी इससे राहत मिलेगी। यही नहीं तक निजी पैथालाजी वालों की मनमानी पर भी अंकुश लग जाएगा। मरीजों को गुणवत्ता युक्त रिपोर्ट भी मिला करेगी।