होली के बाद ट्रेनों में सीट के लिए करनी पडी मशक्कत Prayagraj News
यात्री कोच में अपनी बर्थ तक पहुंचने में परेशान हो जा रहे हैं। वेटिंग टिकट कंफर्म न होने पर यात्रियों को मजबूरी में फर्श पर बैठकर और गैलरी में खड़े होकर सफर करना पड़ रहा है।
प्रयागराज,जेएनएन। होली का त्योहार बीतने के बाद अब वापस लौटने वाले लोग परेशान हैं। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता रूट की टे्रनों में जबर्दस्त भीड़ है। यात्रियों को ट्रेन में घुसने के लिए मारामारी करनी पड़ रही है। जनरल कोच से लेकर स्लीपर कोच तक में घुसने को लेकर धक्का-मुक्की करनी पड़ रही है। वेटिंग टिकट कंफर्म न होने पर यात्री परेशान हैं। कोच में घुसने की जगह न मिलने पर लोग गेट पर खड़े होकर सफर करने को मजबूर हैं।
सीट नहीं मिली तो फर्श और गैलरी में बैठकर गए यात्री
होली के त्योहार पर लोग जैसे-तैसे अपने घर पहुंच गए थे, लेकिन अब लौटने में उनका पसीना छूट रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं और बच्चों को हो रही है। यात्री कोच में अपनी बर्थ तक पहुंचने में परेशान हो जा रहे हैं। वेटिंग टिकट कंफर्म न होने पर यात्रियों को मजबूरी में फर्श पर बैठकर और गैलरी में खड़े होकर सफर करना पड़ रहा है। कोचों में शौचालय तक भरे हुए हैं। प्रयागराज जंक्शन से नई दिल्ली जाने वाली प्रयागराज एक्सप्रेस, हमसफर एक्सप्रेस, रीवा एक्सप्रेस, शिवगंगा एक्सप्रेस, मंडुवाडीह एक्सप्रेस, ब्रह्मपुत्र मेल समेत अन्य ट्रेनों में बुधवार को ट्रेन में घुसने के लिए लोग परेशान रहे। भीड़भाड़ अधिक होने पर आरपीएफ और जीआरपी ने यात्रियों की कतार लगातार उन्हें कोच में प्रवेश दिलाया।
कुछ ट्रेनों को निर्धारित समय से ज्यादा समय तक रोकना पडा
ट्रेनों में भीड़ अधिक होने के कारण ट्रेनों को निर्धारित समय से कुछ ज्यादा मिनट रोका गया, ताकि लोग आराम से कोच में घुस जाएं। मुंबई रूट पर कामायनी एक्सप्रेस, गोरखपुर एक्सप्रेस, दरभंगा एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेनों में नोरूम होने के कारण यात्री परेशान हैं। मुंबई रूट की ट्रेनों में स्लीपर और जनरल कोच के शौचालय तक लोग भरे रहे। कोलकाता जाने वाली विभूति एक्सप्रेस, जोधपुर-हावड़ा एक्सप्रेस पूर्वा एक्सप्रेस, कालका मेल में भी जबर्दस्त भीड़ रही। जयपुर, पुणे, अहमदाबाद समेत अन्य रूट की ट्रेनों में भी जबर्दस्त मारामारी रही। लोगों को स्पेशल ट्रेनों में अतिरिक्त किराया देने पर भी टिकट नहीं मिल रही है। सामान्य ट्रेनों की तरफ स्पेशल ट्रेनें भी ठसाठस भरकर जा रही हैं।