Coronavirus से रहें सावधान, मुंबई से फुल होकर आ रही हैं ट्रेनें, लापरवाही यात्रियों के लिए पड़ सकती है भारी
प्रयागराज जंक्शन पर बाहर से आने वाले यात्रियों के कोविड टेस्ट की भी व्यवस्था नहीं है। जिसे जिधर से रास्ता मिलता है वहीं से अपने गंतव्य के लिए निकल जाता है। बैरिकेंडिंग व सख्ती न होने हालात कभी भी बेकाबू हो सकते हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। देश में कोरोना की दूसरी लहर से लोगों की धुकधुकी बढ़ गई है। ऐसे में लापरवाही महंगी पड़ सकती है। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में तेजी से नए केस मिल रहे हैं। मुुंबई की ओर से आने वाली ट्रेनें फुल हैं। ऐसे में कोरोना से बचने के लिए शारीरिक दूरी और कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करके ही महामारी के प्रकोप से बचा जा सकता है। हालांकि ट्रेनों में और रेलवे स्टेशनों पर दिख रही उदासीनता से कभी भी कोरोना विस्फोट हो सकता है।
दरअसल, मुंबई की ट्रेनें मध्य प्रदेश होकर प्रयागराज और पूर्वांचल की ओर जाती है। इनमें ज्यादातर ट्रेनें फुल होकर प्रयागराज जंक्शन पहुंच रही हैं। इन ट्रेेनों में कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। मास्क तो दूर फिजिकल डिस्टेंसिंग यानी शारीरिक दूरी का भी ध्यान नहीं दिया जा रहा। प्रयागराज जंक्शन पर बाहर से आने वाले यात्रियों के कोविड टेस्ट की भी व्यवस्था नहीं है। जिसे जिधर से रास्ता मिलता है, वहीं से अपने गंतव्य के लिए निकल जाता है। बैरिकेंडिंग व सख्ती न होने हालात कभी भी बेकाबू हो सकते हैं।
कोविड टेस्ट के नाम पर खानापूर्ति
जिला स्वास्थ्य विभाग ने रेलवे स्टेशनों पर एंटीजन टेस्ट के लिए टीम भेजी। चार-पांच दिन प्रयागराज जंक्शन पर टीम ने महज 120 से 200 यात्रियों का एंटीजन टेस्ट किया। महज खानापूर्ति के बाद यह व्यवस्था भी लागू नहीं हो सकी। वहीं, टीम का कहना है कि रेलवे की ओर से सहयोग नहीं मिल रहा है। यात्री ट्रेन से उतरने के बाद इधर-उधर से निकल जाते हैं।
यात्रियों की अनदेखी से व्यवस्था धड़ाम
प्रयागराज जंक्शन पर यात्रियों के स्टेशन पर प्रवेश के लिए प्लेटफार्म एक और प्लेटफार्म नंबर दो से निकासी की व्यवस्था बनाई गई है। हालांकि गाड़ी आने पर यात्री आनन-फानन में जहां जगह मिली, उधर से ही निकलने का प्रयास करते हैं। अनदेखी के चलते यह व्यवस्था भी धड़ाम है।