शहर के ह्रदयस्थल पर 'अव्यवस्थाओं की चोट'
विमल पांडेय, इलाहाबाद : शहर के ह्रदयस्थली पर स्थापित चंद्रशेखर आजाद पार्क भले ही अपनी सुंदर
विमल पांडेय, इलाहाबाद : शहर के ह्रदयस्थली पर स्थापित चंद्रशेखर आजाद पार्क भले ही अपनी सुंदरता के लिए चर्चित हो लेकिन यहां पर्यावरण के लिए खतरे की घटी बज चुकी है। करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जाने के बाद भी पार्क में हरियाली को लेकर एक बड़ा संकट है। दैनिक जागरण द्वारा चलाए जा रहे अभियान से यह बात सामने आयी कि यहां हरियाली के लिए प्रशासनिक प्रयास बेहतर नहीं हैं। पत्थरों से पार्क को इस कदर जकड़ दिया गया है कि हरे पेड़ों के अस्तित्व पर संकट आ चुका है। वहीं पार्क की स्वच्छता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
84 हेक्टेयर में फैले इस पार्क में पत्तियों से जैविक खाद बनाने की शुरुआत की गई है। इस अभियान को कोई खास गति नहीं मिल सकी है। कारण है पार्क में नियमित सफाई अभियान को खानापूर्ति की तरह कर देना।
हालात है कि तीन किलोमीटर का ट्रैक ही साफ नहीं रहता है। विभाग इस बात पर जोर दे रहा है कि कर्मचारी कम हैं। हकीकत है कि नियमित सफाई के बाद भी पूरे पार्क में दर्जनों स्थानों पर कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। यही कारण है इस सांस्कृतिक उपवन में काफी कमियां साफ दिखती हैं।
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पार्क में लगी सुधारों की पाठशाला :
चंद्रशेखर आजाद पार्क में सोमवार को एक गंभीर विषय पर दैनिक जागरण द्वारा शुरु की गई पहल का लोगों ने स्वागत किया। मार्निग वॉक के बहाने लोगों ने बाकायदा बैठक पर न केवल चर्चा की बल्कि अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी रखे। गेट नंबर तीन के पास मार्निग वाक करने आए रमेश जायसवाल,आशीष सेन, अजय गुप्ता,अनूप जायसवाल,राजेश अग्रवाल आदि ने अपनी बात रखी। रमेश जायसवाल ने कहा कि पार्क को बेहतर करने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन आधुनिकीकरण करने के चक्कर में प्राकृतिक रम्यता न खोई जाए इसका ध्यान रखा जाना चाहिए। अजय गुप्ता ने जागरण के प्रयास की सराहना की और कहा कि इस अभियान पर प्रशासन संज्ञान लेकर कार्य करे। अनूप जायसवाल ने भी हरे पेड़ों और पुराने पेड़ों को बचाने के लिए एक सार्थक अभियान चलाने पर जोर दिया।
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स्वच्छता पर जोर दिया :
गेट नंबर एक पर चिकित्सक डा ए के गुप्ता,लाल साहब,अनिल राय, पीएन मुखर्जी ने एक सभा की। सभा में पार्क की स्वच्छता को बेहतर रखने की बात की गई। डा. ए के गुप्ता ने कहा कि पार्क में सफाई बेहतर नही है इस ओर जिम्मेदारों को ध्यान देने की जरुरत है। लाल साहब ने कहा कि यहां के शौचालयों और बाथरुम में बेहतर सफाई नही कराई जा रही है।
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हम भी हैं साथ- साथ :
दैनिक जागरण पत्र ही नहीं बल्कि मित्र है, यह सचकर दिखाया। चंद्रशेखर पार्क में पेड़ों की दुर्दशा के लिए प्रशासन को सचेत होना चाहिए। पार्क का आधुनिकीकरण नहीं बल्कि ग्रामीणीकरण होना चाहिए। यदि पेड़ों के थाले ही न रहेंगे, तो उन्हें पानी कहां से मिलेगा।
आशीष विस्टन जैदी पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी
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पार्क की सुंदरता केवल पत्थरों से नही होनी चाहिए। जागरण की पहल सही है। प्रशासन को इस ओर सार्थक प्रयास शुरु करने चाहिए।
विनीत
मार्निग वाकर
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इस पार्क में पेड़ों की बदहाली ठीक नही है। इन्हीं पेड़ों से हमें आक्सीजन मिलता है और यही अगर बीमार हो जाएं तो भला हमारा क्या होगा। सरकारी अमले को जागरुक होना चाहिए।
धीरज
मार्निग वाकर
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पेड़ों के आसपास अगर कच्ची जमीन न छोड़ी जाएगी, तो पेड़ों का जीवन चक्र ही बाधित हो जाएगा। कच्चे गलियारों और थालों का निर्माण किया जाना चाहिए। जागरण का अभियान बेहतर है।
योगेंद्र सिंह
मार्निग वाकर
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पार्क की सुंदरता धीरे- धीरे घट रही है। इस ओर ध्यान दिया जाना चाहिए। प्राकृतिक हरियाली को बनाए रखने के लिए सरकारी प्रयास तेज किए जाने चाहिए।
भूमिका पांडेय
मार्निग वाकर
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इस पार्क को लगातार बेहतर बनाया जाना चाहिए। पार्क में सीनियर सिटिजन का भी ख्याल रखा जाए। इसके अलावा पार्क का शुल्क काफी कम है। इसे लगातार लिया जाना चाहिए। इसी शुल्क से पार्क का सुंदरीकरण कराया जाए।
दीपक बग्गा
मार्निग वॉकर।