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Panchayat Poll 2020 : वादों का पिटारा खोल रहे पंचायत के दावेदार, ग्रामीणों को दिखा रहे हसीन सपने

Panchayat Poll 2020 निर्वाचन आयोग ने वैसे तो पंचायत चुनावों को लेकर अभी कोई निश्चित तारीख का ऐलान नहीं किया है। हालांकि गांवों में शुरू किए गए मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्यक्रम को संकेत मानते हुए पंचायत चुनावों के संभावित दावेदारों ने भी कमर कस ली है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 09:41 AM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 04:02 PM (IST)
Panchayat Poll 2020 : वादों का पिटारा खोल रहे पंचायत के दावेदार, ग्रामीणों को दिखा रहे हसीन सपने
पंचायत पोल को लेकर प्रयागराज के गांवों में भावी प्रतिनिधियों की सक्रियता बढ़ गई है।

प्रयागराज, जेएनएन। भले ही चुनाव आयोग ने अभी पंचायत चुनाव की तारीख का ऐलान नहीं किया है लेकिन गांवों में चुनावी हलचल नजर आने लगी है। चुनावी प्रक्रिया की शुरुआत होने व बीएलओ के माध्यम से मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्यक्रम आरंभ होने से गांवों में इसकी दस्तक साफ नजर आने लगा है। पंचायत चुनाव के उम्मीदवार सुबह से लेकर शाम तक मतदाताओं की परिक्रमा कर उन्हें अपने पक्ष में रिझाने की हर कोशिश करने में जुट गए हैं।

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निर्वाचन आयोग ने वैसे तो पंचायत चुनावों को लेकर अभी कोई निश्चित तारीख का ऐलान नहीं किया है लेकिन गांव गांव शुरू किए गए मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्यक्रम को संकेत मानते हुए पंचायत चुनावों के संभावित दावेदारों ने भी कमर कस ली है। कुछ प्रत्याशियों द्वारा जहां इलाके में होने वाले शादी विवाह व अंतिम संस्कार जैसे कार्यक्रमों में पहुंच कर अपना चेहरा दिखाने लगे हैैं। वहीं कुछ दावेदार गांवों की गली नुक्कड़ और चौराहों पर दुर्गा पूजा, नवरात्रि, दशहरा, दीपावली आदि त्योहारों के मद्देनजर बड़े बड़े कटआउट बैनर और पोस्टर लगा कर ग्रामीणों को शुभकामनाएं दे रहे हैं।

इन्‍हें कोपभाजन का शिकार भी होना पड़ रहा है

भावी प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के दौरान कहीं-कहीं मतदाताओं के कोपभाजन का शिकार भी होना पड़ रहा है। गांवों में चुनाव प्रचार के दौरान सबसे अधिक विरोध का सामना पिछला चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों को ही करना पड़ रहा है। ऐसे उम्मीदवारों से जब ग्रामीण पिछले पांच वर्षों का हिसाब किताब मांगते हैं तो उनकी सिट्टी पिट्टी गुम हो जाती है तो उनके सामने अनुनय विनय करने के सिवा कोई दूसरा रास्ता नजर नहीं आता है।

प्रगति पर है मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य

निर्वाचन आयोग के निर्देश पर एक अक्टूबर से संबंधित गांव के बीएलओ द्वारा घर-घर जा कर मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य जोरों पर चल रहा है। बताया जाता है कि इस बार पंचायत चुनाव में शिक्षामित्रों को बूथ लेबल अधिकारी के रूप में तैनात किया जाएगा।

सोशल मीडिया पर भी हो रहा प्रचार-प्रसार

पंचायत चुनाव के दृष्टिगत अभी से सोशल मीडिया के वाट्सएप ग्रुप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्वीटर के माध्यम से भी प्रचार प्रसार जोरों पर है। प्रत्यशियों द्वारा मीडिया के इन प्लेटफॉर्मो पर वोटरों से बड़े बड़े वादे और दावों से भरे पोस्ट किए जा रहे हैं।


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