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Kaushambi Panchayat Chunav Result 2021: आजादी के बाद यहां पहली बार हुआ ग्राम प्रधान पद पर चुनाव, ग्रामीणों ने उसी परिवार पर जताया भरोसा

Panchayat Chunav Result 2021 प्रधान रहे पंडित पुरुषोत्तम द्विवेदी की 1989 में मृत्यु हो गई। इसके बाद पूर्व प्रधान के बेटे स्व. राजभवन द्विवेदी को प्रधान चुन लिया। राजभवन ने भी विकास कार्य किए। 1990 में महिला सीट हुई तो स्व. राजभवन द्विवेदी की बहू प्रियंवदा को मुखिया मान लिया।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Sun, 02 May 2021 09:04 PM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 08:45 AM (IST)
Kaushambi Panchayat Chunav Result 2021: आजादी के बाद यहां पहली बार हुआ ग्राम प्रधान पद पर चुनाव, ग्रामीणों ने उसी परिवार पर जताया भरोसा
कौशांबी की महिला गांव में प्रधान पद पर विजयी अमिता द्विवेदी।

प्रयागराज, जेएनएन। यूपी के कौशांबी जिले में एक गांव ऐसा है जहां आजादी के बाद पहली बार पंचायत चुनाव में प्रधान पद के लिए चुनाव हुआ। चुनाव मेंं  ग्रामीणों ने एक बार फिर उसी परिवार के सदस्‍य पर भरोसा जताया है। जिस परिवार के सदस्‍य को अब प्रधान चुनते आ रहे थे। जिले मेंं कौशांबी क्षेत्र की ग्राम पंचायत महिला में आजादी के बाद से अब तक एक ही परिवार के सदस्य को ग्रामीण प्रधान पद की कमान सौंपते आ रहे हैं। इस बार चुनाव में तीन लोगों ने नामांकन किया था। एक प्रत्‍याशी ने गांव में हुई बैठक के बाद पर्चा वापस  ले लिया। लेकिन एक प्रत्‍याशी नहीं माना। आखिरकार चुनाव हुआ और फिर से उसी परिवार की अमिता द्विवेदी को प्रधान चुना है, जिस परिवार के हाथों में अब तक प्रधान पद की बागडोर सौंपते आए हैं। अमिता को 645 मत मिले जबकि प्रतिद्वंदी को सिर्फ 74 मत प्राप्त हुए। ग्रामीणों ने उसी परिवार की बहू को फिर प्रधान बनाकर परंपरा नहीं टूटने दी।

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1952 में पंचायतीराज व्यवस्था लागू होने के बाद ग्राम पंचायतों में मतदान हुआ था, लेकिन यमुना के किनारे बसे महिला गांव के लोगों ने स्व. पुरुषोत्तम द्विवेदी को निर्विरोध प्रधान चुना। इन्होंने गांव के विकास के लिए पूर्व मुख्यमंत्री स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा से संपर्क किया। अनुसूचित बस्ती के लोगों के पास रहने के लिए घर नहीं था। गांव में 30 लोगों के लिए कालोनी का निर्माण कराकर सरायअकिल बाजार से महिला गांव के लिए पक्की सड़क बनवाई। 1973 में विद्युतीकरण कराया। प्रधान रहे पंडित पुरुषोत्तम द्विवेदी की 1989 में मृत्यु हो गई। इसके बाद गांव के लोगों ने पूर्व प्रधान के बेटे स्व. राजभवन द्विवेदी को प्रधान चुन लिया।  राजभवन ने भी विकास कार्य किए। 1990 में महिला सीट हुई तो स्व. राजभवन द्विवेदी की बहू प्रियंवदा द्विवेदी को मुखिया मान लिया। 2015 में महिला सीट के कारण राजभवन द्विवेदी की बहू व विकास की पत्नी अमिता द्विवेदी को निर्विरोध प्रधान चुना था। 

विकास के दम पर मिलती रही प्रधानी

विकास खंड कौशांबी क्षेत्र का महिला गांव यमुना तराई क्षेत्र में बसा है। पहले ये गांव काफी पिछड़ा था इस गांव के विकास में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा का विशेष विशेष सहयोग है। विकास द्विवेदी ने बताया कि उनके बाबा पंडित पुरुषोत्तम द्विवेदी का पूर्व मुख्यमंत्री से अच्छे संबंध थे। उन्हीं ने गांव में विकास की किरण दौड़ाई। बाबा की मौत के बाद परिवार के जिस सदस्य को ग्रामीणों ने प्रधान चुना है। उसने गांव के लोगों को हर वाजिब सुविधा दिलाने के लिए प्रयासरत है।


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