बूंदाबांदी और तेज हवा से धान की बालियां गिरीं, किसान मायूस
दो दिनों से मौसम बदलने के चलते धान की खड़ी फसल को काफी नुकसान हुआ है। कई स्थानों पर धान की फसल जमींदोज हो गई जिससे धान की बालियां गिर गईं। मौसम के इस तरह अचानक करवट लेने से फसल बर्बाद होने से किसान मायूस हो गए।
जारी : दो दिनों से मौसम बदलने के चलते धान की खड़ी फसल को काफी नुकसान हुआ है। कई स्थानों पर धान की फसल जमींदोज हो गई, जिससे धान की बालियां गिर गईं। मौसम के इस तरह अचानक करवट लेने से फसल बर्बाद होने से किसान मायूस हो गए।
जारी क्षेत्र में बदले मौसम के चलते काफी क्षति हुई है। कांटी, मैदा, कुड़ी, गौहानी आदि गांवों में किसानों के खेत में धान की फसल गिर गई। इसके कारण कई किसानों के आंखों में आंसू आ गए। खेतों में पककर तैयार धान की फसल जमीन पर गिर गई है। पानी में धान सड़ने के साथ जमने भी लगे है। किसानों को यह आशा थी कि बची हुई फसल घर आ जाएगी। लेकिन दो दिन से मौसम का मिजाज फिर बदला व आसमान पर काले बादल छा गए। बादलों की गड़गड़ाहट के साथ बारिश होने लगी तो किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई कि अब बची ह़ुई फसल भी बर्बाद हो जाएगी। कड़ी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। किसानों का कहना है कि पहले से ही तैयार धान की फसल को काटने का कार्य हो रहा था परन्तु बरसात ने कहर ढा दिया। तैयार फसल को भारी नुकसान हुआ है। इससे तो निवाले पर भी ग्रहण लग रहा है। क्षेत्र के किसान छेदी लाल पटेल, राममिलन, भैया लाल यादव सहित किसानों का कहना है कि अगर मौसम का मिजाज ऐसा ही रहा तो खेती पर असर पड़ेगा। तैयार धान की फसल नष्ट हो जाएगी। धान की फसलें जमीन पर गिरकर सड़ रही है। जिन किसानों ने अपने खेतों में धान की कटाई कर ली है। वह भी कड़ी धूप न होने की वजह से सड़ने की कगार पर हैं।