आक्सीजन प्लांट तो है मगर चलाने वाला कोई नहीं, ओमिक्रोन के खतरे के बीच प्रतापगढ़ में लापरवाही
प्रतापगढ के सबसे बड़े प्रताप बहादुर अस्पताल में भी हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। यहां पर आक्सीजन प्लांट के चालू हालत में न होने से से कंसंट्रेटर के भरोसे मरीज हैं। ओमिक्राेन की दहशत बढ़ने के बाद मेडिकल कालेज प्रशासन ने 10-10 लीटर के 10 नए कंसंट्रेटर मंगवाए हैं।
प्रतापगढ़, जेएनएन। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन को लेकर जहां स्वास्थ्य महकमे में खलबली मची है, वहीं रानीगंज के ट्रामा सेंटर पर चिकित्सक की कमी है। यही नहीं आपरेटर न होने से एल वन अस्पताल का आक्सीजन प्लांट बेकार पड़ा है। जो मरीज सांस, दमा के आते हैं उनको कंसंट्रेटर से मैनेज करना पड़ रहा है। आपात दशा में यह अस्पताल मरीजों की जान कैसे बचा पाएगा, यह एक बड़ा सवाल है।
अगर तीसरी लहर फैली तो हो सकती है समस्या
इस अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्था नए वैरिएंट के उग्र होने की स्थिति में मरीजों पर भारी पड़ सकती है। ट्रामा सेंटर में 50 बेड हैं, जिसमें 10 बेड बच्चों व 40 वयस्कों के लिए हैं। बेड व दवाओं की दशा तो ठीक है, पर सबसे बड़ी जरूरत है ऑक्सीजन की, जो अधर में है। ट्रामा सेंटर में मशीनें हैं, लेकिन चिकित्सक नहीं है। यहां उधार के चिकित्सक व कर्मचारियों से काम चलाना पड़ता है। आक्सीजन मशीन कोई चलाने वाला अब तक कोई नहीं मिला है। केवल टेस्टिंग के समय आक्सीजन मशीन चली थी, उसके बाद नहीं। क्षेत्र के सीएचसी कहला अस्पताल में चिकित्सकों की भरमार है, लेकिन ट्रामा सेंटर कोविड एल वन आपातकालीन अस्पताल रानीगंज में चिकित्सको की व्यवस्था करने से विभाग कतरा रहा है। चिकित्सक के अभाव में चीफ फार्मासिस्ट आरसी वर्मा व संविदा के चिकित्सक डॉ नरेंद्र मौर्य यहां की व्यवस्था संभालते हैं। इस बारे में अधीक्षक डॉ रजनीश प्रियदर्शी का कहना है कि चिकित्सकों की कमी आक्सीजन मशीन के लिए आपरेटर नहीं है। मामला जिले स्तर का है, जो व्यवस्था है उसी से काम चलाया जा रहा है। कोरोना के खतरे को देखते हुए मानव संसाधन की मांग की गई है।
सबसे बड़े अस्पताल में कसंट्रेटर पर मरीज
प्रतापगढ़ शहर के सबसे बड़े प्रताप बहादुर अस्पताल में भी हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। यहां पर आक्सीजन प्लांट के चालू हालत में न होने से से कंसंट्रेटर के भरोसे मरीज हैं। ओमिक्राेन की दहशत बढ़ने के बाद मेडिकल कालेज प्रशासन ने 10-10 लीटर के 10 नए कंसंट्रेटर मंगवाए हैं। पहले पांच लीटर वाले लगे थे। उनमें से अधिकांश खराब हो गए थे। कुछ कम क्षमता में प्राण वायु दे रहे थे।
सीएमओ ने देखी तैयारी
सीएमओ डा. एके श्रीवास्तव ने रानीगंज ट्रामा सेंटर का दौरा किया। उन्होंने कोरोना के नए स्वरूप को लेकर यहां की जा रहीं तैयारियों को देखा। कमियां पाने पर फटकार भी लगाई। देर शाम तक वह निरीक्षण करते रहे।