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Corona period में अनाथ हुए बच्चों को सरकार का साथ, जिलाधिकारी से ऐसे बच्चों की मांगी गयी सूची Prayagraj News

कोरोना के चलते अपने माता-पिता को खो दिए हैं अब ऐसे बच्चों और परिवार की पहचान कर हरसंभव मदद पहुंचाने की तरफ कदम बढ़ाया है। ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता कोरोना से अस्पताल में हैं और उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है उनके संरक्षण पर भी पूरा ध्यान है ।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 03:00 PM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 03:00 PM (IST)
Corona period में अनाथ हुए बच्चों को सरकार का साथ, जिलाधिकारी से ऐसे बच्चों की मांगी गयी सूची Prayagraj News
कोविड 19 से प्रभावित/अनाथ हुए 18 साल से कम उम्र के बच्चों की पहचान कर सूची तैयार का निर्देश।

प्रयागराज,जेएनएन। कोरोना ने बहुत से परिवारों से उनकी खुशियाँ हमेशा-हमेशा के लिए छीन ली हैं, जिन परिवार में कल तक किलकारियां गूंजा करतीं थीं, आज उसी घर में बच्चे गुमसुम नजर आ रहे हैं । ऐसे ही बच्चों के जीवन में फिर से खुशियाँ लाने की हरसंभव कोशिश में सरकार जुटी है। जिन बच्चों ने कोरोना के चलते अपने माता-पिता को खो दिए हैं अब ऐसे बच्चों और परिवार की पहचान कर उन्हें हरसंभव मदद पहुंचाने की तरफ कदम बढ़ाया गया है। ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता कोरोना से पीड़ित होकर अस्पताल में भर्ती हैं या होम आइसोलेशन में हैं और बच्चे की देखभाल करने वाला परिवार में कोई नहीं है, उन बच्चों के संरक्षण पर भी पूरा ध्यान है ।

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ऐसे बच्‍चें की सूची तैयार करने का दिया गया निर्देश

    प्रमुख सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग वी. हेकाली झिमोमी ने सूबे के सभी जिलाधिकारी को कोविड-19 से प्रभावित/अनाथ हुए 18 साल से कम उम्र के बच्चों की पहचान कर सूची तैयार करने को कहा है । यह सूची 15 मई तक निदेशक, महिला कल्याण और राज्य बाल संरक्षण आयोग को भेजनी है ताकि ऐसे बच्चों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जा सके ।

सामाजिक संगठनों की मदद से तैयार की जाए सूची

महिला कल्याण विभाग का कहना है कि इस सूची को तैयार करने में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में गठित निगरानी समितियों की मदद ली जा सकती है । इसके अलावा ग्राम प्रधानों की अध्यक्षता में गठित ग्राम बाल संरक्षण समितियों से भी इस सम्बन्ध में जानकारी जुटायी जा सकती है, जिसकी सदस्य सचिव आंगनबाड़ी कार्यकर्ता होतीं हैं । इसके साथ ही विशेष किशोर पुलिस इकाई, चाइल्ड लाइन (1098) और जिला बाल संरक्षण इकाई भी सक्रिय भूमिका निभाते हुए इस प्रकार के बच्चों के बारे में सूचनाएँ प्राप्त होने पर जिला प्रोबेशन अधिकारी या बाल कल्याण समिति को तत्काल मुहैया कराएंगी । ऐसे बच्चों को 24 घंटे के अन्दर बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाए, कोविड के चलते भौतिक प्रस्तुतीकरण के स्थान पर डिजिटल प्लेटफार्म का सहारा लिया जा सकता है । बच्चों की पहचान जुटाने और सूची तैयार करने में जनपद स्तर पर सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ताओं और गैर सरकारी संगठनों की भी मदद ली जा सकती है ।

हेल्पलाइन पर दें ऐसे बच्चों की सूचना

 कोरोना काल में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों या किसी एक को खो दिया है, उनके सम्बन्ध में सूचना कोई भी व्यक्ति चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नम्बर-1098 या महिला हेल्पलाइन-181 पर दे सकता है । ऐसे बच्चों को चाइल्ड लाइन 24 घंटे के अन्दर बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करेगी । ऐसे बच्चों की सूचना राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के हेल्पलाइन- 011-23478250 पर भी दी जा सकती है ।    

बच्चे जिन्हें है मदद की जरूरत :

-ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण के कारण हो गयी है।

-ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता कोविड पाजिटिव नहीं पाए गए किन्तु समस्त लक्षण कोविड-19 के समान ही थे और उपचार के दौरान या उपचार के अभाव में जिनकी मृत्यु हो गयी।

-ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता कोविड के चलते उपचाराधीन हों या किसी अन्य कारण से महामारी के दौरान अस्पताल में भर्ती हों और घर पर बच्चों की देखरेख करने वाला कोई न हो।

-ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता कोविड के चलते होम आइसोलेशन में हों और घर पर ऐसे बच्चों की देखभाल करने वाला कोई न हो ।

बिना संज्ञान में लाये गोद लेना गैर कानूनी

यदि किसी नवजात को सड़क या किसी अन्य स्थान पर छोड़ दिया जाता है या परित्याग कर दिया जाता है अथवा कोविड के चलते माता-पिता की मृत्यु के बाद ऐसे बच्चों को किसी को भी गोद दे देना, अपने पास रख लेना या उसकी देखरेख के लिए किसी तरह का विज्ञापन निकालना और बाल कल्याण समिति के संज्ञान में न लाना गैरकानूनी व दंडनीय अपराध है । बच्चों को कानूनी रूप से गोद लेने के लिए सेंट्रल अडाप्शन रिसोर्स अथारिटी (कारा) के वेबसाइट www.cara.nic.in पर संपर्क किया जा सकता है । इसके साथ ही एकल माता/पिता को बच्चे को बाल गृहों में रखवाने की सलाह देना या ऐसा करने के लिए दबाव डालना अनुचित है ।


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