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सब्जियों की जैविक खेती ने दिखाई प्रतापगढ़ की इन महिलाओं को तरक्की की राह

महिलाओं द्वारा तैयार की गई सब्जियों की मांग अधिक है। मानधाता कटरा गुलाबसिंह जेठवारा सहित अन्य बाजारों में जैविक खाद से तैयार सब्जियों की अधिक डिमांड हो गई है। गांव के लोग पहले की अपेक्षा अब अधिक सब्जियां खरीद रहे हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 05:06 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 07:20 AM (IST)
सब्जियों की जैविक खेती ने दिखाई प्रतापगढ़ की इन महिलाओं को तरक्की की राह
प्रतापगढ़ में में जैविक खाद के सहारे उगाई जा रही सब्जियां घर-घर पहुंच रहीं हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। सब्जियों की जैविक खेती ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को तरक्की की राह दिखाई है। प्रतापगढ़ में में जैविक खाद के सहारे उगाई जा रही सब्जियां घर-घर पहुंच रहीं हैं। न सिर्फ पूरे परिवार को हरी-ताजी सब्जियां मिल रही हैं, बल्कि बाजार में बिक्री करके उनसे अच्छी खासी आय कर रहीं हैं।

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सस्ती शुद्ध सब्जी की अधिक डिमांड, बाजारों में भी जैविक सब्जी खरीदने पर जोर

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह से जुड़ कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। एक और जहां समूह की महिलाएं आंवले का उत्पाद, डिटर्जेंट पाउडर आदि तैयार कर रहीं हैं, वहीं दूसरी ओर महिलाएं बकरी पालन, मछली पाल आदि रोजगार शुरू की हैं। इससे होने वाली आय से उनके परिवार में खुशहाली आई है। मानधाता ब्लाक क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में समूह से जुड़ी महिलाओं ने सब्जियों की जैविक खेती ने तरक्की की राह दिखाई है। हम बात कर रहे हैं मानधाता ब्लाक के कटरा गुलाबसिंह के गौरा गांव की इंदिरा देवी की। इंदिरा तीन साल पहले स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं। वह इन दिनों खेत में व्यापक स्तर पर गोभी, मटर, बैगन, लहसुन, प्याज, टमाटर आदि सब्जियों की जैविक खेती कर रहीं हैं। गांव के अलावा आसपास बाजार के लोग यहीं से सब्जियां खरीद रहे हैं। सब्जी से होने वाली आय से गांव की सुषमा देवी, ज्ञानवती, बिल्ला देवी, आरती आदि ने भी खेती करना शुरू कर दी है। डीसी एनआरएलएम डॉ. एनएन मिश्रा ने बताया कि समूह से जुड़कर महिलाएं तरह तरह के कारोबार शुरू की हैं। आत्मनिर्भर बनने के बाद वह दूसरों को भी रोजगार से जोड़ रही हैं। महिलाओं की अच्छी खासी आय भी हो रही है।

बाजारों में अधिक खपत

महिलाओं द्वारा तैयार की गई सब्जियों की मांग अधिक है। मानधाता, कटरा गुलाबसिंह, जेठवारा सहित अन्य बाजारों में जैविक खाद से तैयार सब्जियों की अधिक मांग है। गांव के लोग पहले की अपेक्षा अब अधिक सब्जियां खरीद रहे हैं।


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