एक ट्राली पुआल देने पर मिलेगी एक ट्राली खाद, कान्हा गोशाला में तैयार हो रही जैविक और वर्मी कंपोस्ट
किसानों द्वारा पुआल जलाने से पर्यावरण को नुकसान होता है इसलिए इस पर अंकुश के मकसद से निगम प्रशासन द्वारा यह पहल की गई है। पुआल के बदले जैविक खाद देने पर किसानों द्वारा उसे जलाया भी नहीं जाएगा और जैविक खाद के प्रयोग से उनकी फसलें भी लहलहाएंगी।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। खेतों में पुआल (पराली) जलाने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है। यदि वह इसे सहेजकर रख लें तो उन्हें इसके बदले जैविक खाद मिलेगी। यह सुविधा सरकारी गोशाला के माध्यम से वह ले सकते हैं। इससे वह अपने खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के साथ अपनी आमदनी में भी वृद्धि कर सकते हैं। जी, हां किसानों को एक ट्रैक्टर ट्राली पुआल के बदले एक ट्राली जैविक खाद मिलेगी। इसके लिए उन्हें नगर निगम के जनवा (शंकरगढ़) स्थित कान्हा गोशाला में संपर्क करना होगा।
कान्हा गोशाला में हैं 21 सौ से ज्यादा गोवंश
कान्हा गोशाला में मौजूदा समय में 2100 से ज्यादा गोवंश हैं। इनसे प्रतिदिन करीब दो से ढाई ट्राली गोबर निकलता है। इस गोबर से निगम प्रशासन दो तरह की खाद (जैविक और वर्मी कंपोस्ट) तैयार कराने लगा है। जैविक खाद तो कर्मचारियों द्वारा तैयार की जाती है, जबकि वर्मी कंपोस्ट तैयार करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार से रजिस्टर्ड एजेंसी धरावत्स बायो इनर्जी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड को हाल में दी गई है। एजेंसी द्वारा कान्हा गोशाला परिसर में करीब 800 बिस्वा जमीन में 52 पिट बनाकर वर्मी कंपोस्ट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। लगभग 200 कुंतल वर्मी कंपोस्ट की पहली खेप करीब ढाई महीने में तैयार होगी। उसके बाद इतनी ही मात्रा में कंपोस्ट औसतन हर दो महीने में तैयार होगी।
पराली जलाने पर नियंत्रण लगाने को पहल
किसानों द्वारा पुआल जलाने से पर्यावरण को नुकसान होता है, इसलिए पुआल जलाने पर नियंत्रण के मकसद से निगम प्रशासन द्वारा यह पहल की गई है। पुआल के बदले जैविक खाद देने पर किसानों द्वारा उसे जलाया भी नहीं जाएगा और जैविक खाद के प्रयोग से उनकी फसलें भी लहलहाएंगी।
प्रभारी अधिकारी पशुधन विभाग का है कहना
एक ट्राली पुआल के बदले एक ट्राली जैविक खाद किसानों को दी जाएगी, जबकि वर्मी कंपोस्ट देने के बदले हरा चारा लिया जाएगा। इसके लिए किसानों से संपर्क भी किया जा रहा है। पुआल गोवंश के नीचे बिछाने और हरा चारा भूसे के साथ मिलाकर खिलाने के काम आएगा।
नीरज कुमार सिंह, प्रभारी अधिकारी पशुधन विभाग