UP Board Schools में ऑनलाइन पढ़ाई संतोषजनक नहीं, अब केंद्रीय कंट्रोल रूम करेगा इसकी निगरानी
यूपी बोर्ड के विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई की स्थिति पर निगरानी के लिए केंद्रीय कंट्रोल रूम बनाया गया है। जनपद के सभी 1079 स्कूलों को यहां से जोड़ा गया है। सह जिला विद्यालय निरीक्षक की अध्यक्षता में कमेटी भी बनाई गई है जो कंट्रोल रूम के संचालन पर नजर रखेगी।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से स्कूलों में भौतिक कक्षाएं ठप हैं। ऐसे में सभी बोर्डों के माध्यमिक स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई कराने का निर्देश जारी किया गया है। अंग्रेजी माध्यम के निजी स्कूलों में कक्षाएं सुचारु रूप से चल रही हैं लेकिन तमाम यूपी बोर्ड के विद्यालयों की स्थिति संतोषजनक नहीं है।
केंद्रीय कंट्रोल रूम से जनपद के सभी स्कूल जुड़े
यूपी बोर्ड के विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई की स्थिति पर निगरानी के लिए केंद्रीय कंट्रोल रूम बनाया गया है। जनपद के सभी 1079 स्कूलों को यहां से जोड़ा गया है। सह जिला विद्यालय निरीक्षक केके त्रिपाठी की अध्यक्षता में कमेटी भी बनाई गई है जो कंट्रोल रूम के संचालन पर नजर रखेगी।
नोडल प्रधानाचार्यों को कंट्रोल रूम से संबद्ध
जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई को प्रभावी बनाने के लिए प्रत्येक 10 विद्यालय पर एक नोडल नामित किए गए हैं। कुल 105 नोडल बने हैं। इसके पूर्व विकास खंड स्तर पर भी 22 नोडल प्रधानाचार्य बनाए गए थे। सभी को कंट्रोल रूम से सीधे संबद्ध किया गया है। वह कहां पठन-पाठन हो रहा है और कहां नहीं, इसकी प्रतिदिन की रिपोर्ट देंगे। गंगापार, यमुनापार व सदर क्षेत्र के विद्यालयों की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी क्रमश: डॉ. बीएस यादव, केके त्रिपाठी व डॉ. प्रभाकर त्रिपाठी को दी गई है। कुल मिलाकर त्रिस्तरीय निगरानी की जा रही है। निरीक्षण के लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक प्रयागराज मंडल के सीयूजी नंबर को भी इस व्यवस्था में शामिल किया गया है।
प्रतिदिन एक विद्यालय की निगरानी करेंगे डीआइओएस
जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा ने बताया कि प्रतिदिन एक विद्यालय की ऑनलाइन पढ़ाई की निगरानी वह स्वयं करेंगे। संबंधित विद्यालय के ग्रुप से जुड़कर छात्र-छात्राओं से भी पढ़ाई के संबंध में जानकारी लेंगे।
स्कूल में ड्राप बाक्स की व्यवस्था दुरुस्त होगी
सभी विद्यालयों में पूर्व की तरह ड्राप बाक्स भी रखे जा रहे हैं। निर्देश दिया गया है कि अभिभावक उसमें बच्चों के प्रश्न व शिक्षक की ओर से दिए गए अभ्यास कार्यों को पूरा कराने के बाद डालेंगे। स्कूल के शिक्षक उसे जांच कर और प्रश्नों के उत्तर लिखकर निर्धारित तिथि पर दूसरे बाक्स में रखेंगे। अभिभावक स्कूल आकर उसे ले जाएंगे। इस क्रम को बनाए रखा जाएगा जिससे छात्र-छात्राओं के साथ अध्यापकों का संवाद बना रहे।