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Akhada Parishad: दो रवींद्र पुरी में एक बन सकते हैं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष

आगामी 25 अक्टूबर को इस संबंध में प्रयागराज के दारागंज स्थित श्रीनिरंजनी अखाड़ा परिसर में बैठक प्रस्तावित है। वैष्णव अखाड़ों की नाराजगी के बीच यह बैठक किस नतीजे पर पहुंचेगी यह बात देखने लायक होगी। जूना अखाड़े की तरफ से भी अध्यक्ष पद के लिए दावा किया गया है

By Ankur TripathiEdited By: Published: Fri, 08 Oct 2021 12:05 PM (IST)Updated: Fri, 08 Oct 2021 12:05 PM (IST)
Akhada Parishad: दो रवींद्र पुरी में एक बन सकते हैं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पद का फैसला इसी माह संभव

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। महंत नरेंद्र गिरि के ब्रह्मलीन होने के बाद संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष का पद रिक्त है। आगामी 25 अक्टूबर को इस संबंध में प्रयागराज के दारागंज स्थित श्रीनिरंजनी अखाड़ा परिसर में बैठक प्रस्तावित है। वैष्णव अखाड़ों की नाराजगी के बीच यह बैठक किस नतीजे पर पहुंचेगी, यह बात देखने लायक होगी। जूना अखाड़े की तरफ से भी अध्यक्ष पद के लिए दावा किया गया है, लेकिन अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार श्रीमहानिर्वाणी व श्रीनिरंजनी अखाड़ा के सचिव बताए जा रहे हैं। खास बात यह है कि दोनों सचिवों का नाम रवींद्र पुरी है।

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चुनाव की स्थिति में महानिर्वाणी के रवींद्र की दावेदारी मजबूत

श्रीनिरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि 2014 में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष बने थे। 2019 में उनका कार्यकाल पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया था। इधर, 20 सितंबर को उनकी मृत्यु हो गई। ऐसी स्थिति में अध्यक्ष जिस अखाड़े के होते हैं उसी के दूसरे महात्मा को उस पद पर आसीन किया जाता है। ऐसा हुआ तो श्रीनिरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी अध्यक्ष बन सकते हैं। रवींद्र पुरी अपने अखाड़े के कर्ताधर्ता हैं, दूसरे अखाड़ों से भी इनका अच्छा सामंजस्य है। नरेंद्र गिरि की मृत्यु के बाद रवींद्र पुरी ने श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के समस्त आयोजन को सकुशल पूरा कराया है। अगर चुनाव की स्थिति आती है तो श्रीमहानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी अखाड़ा परिषद अध्यक्ष बन सकते हैं। महानिर्वाणी अखाड़ा अध्यक्ष पद पर कई साल से दावेदारी कर रहा है। रवींद्र पुरी इस पद के प्रबल दावेदार के रूप में उभरे हैं। अपने अखाड़े में उनका दबदबा है। दूसरे अखाड़ों व राजनीतिक-सामाजिक दृष्टि से बेहतर सामंजस्य रखते हैं। 

अनी अखाड़े भी कर रहे हैं दावेदारी

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष पद पर वैष्णव सम्प्रदाय के श्रीनिर्वाणी अनी, श्रीदिगंबर अनी व श्रीनिर्मोही अनी अखाड़े भी दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन संख्याबल के हिसाब से उनकी स्थिति कमजोर बताई जा रही है। जूना अखाड़ा के सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि ने अध्यक्ष पद पर दावेदारी की है, परंतु उनके अखाड़े के दूसरे महात्मा इसको लेकर अधिक रुचि नहीं रखते। ऐसे में जूना अखाड़ा महामंत्री पद पर ही दावेदारी करेगा। अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि का कहना है कि 25 अक्टूबर को अध्यक्ष पद पर चर्चा करने के लिए अखाड़ा परिषद की तारीख तय की गई है। अगर महात्माओं की संख्या कम रहेगी तो निर्णायक बैठक दोबारा की जाएगी।


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