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सीबीआइ की एक और एफआइआर जल्द, यूपीपीएससी भर्ती में भ्रष्टाचार के मिले सुबूत

पीसीएस 2015 की जांच नतीजे की ओर है। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की भर्तियों की जांच में सीबीआइ एक और एफआइआर जल्द ही दर्ज कराने की तैयारी में है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 02 Jun 2018 09:07 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jun 2018 07:59 AM (IST)
सीबीआइ की एक और एफआइआर जल्द, यूपीपीएससी भर्ती में भ्रष्टाचार के मिले सुबूत
सीबीआइ की एक और एफआइआर जल्द, यूपीपीएससी भर्ती में भ्रष्टाचार के मिले सुबूत

इलाहाबाद (धर्मेश अवस्थी)। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की भर्तियों की जांच में सीबीआइ एक और एफआइआर जल्द ही दर्ज कराने की तैयारी में है। पीसीएस 2015 की जांच नतीजे की ओर है, वहीं अब जांच टीम को एपीएस यानी अपर निजी सचिव 2010 की भर्ती में भी अहम भ्रष्टाचार के सुबूत मिले हैं। इस भर्ती की सारी कडिय़ां जांच अफसर जोडऩे में जुटे हैं। इसमें आयोग के रिकॉर्ड भी गड़बड़ी की बड़ी गवाही दे रहे हैं। 

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आयोग की पांच साल की भर्तियां खंगाल रही सीबीआइ ने लखनऊ में प्राथमिक सूचना रपट दर्ज कराने के बाद इलाहाबाद मुख्यालय में कदम रखा था। तीन माह की गहन जांच के बाद पांच मई को दिल्ली मुख्यालय पर पहली एफआइआर दर्ज कराई गई। उस एफआइआर में भले ही कोई नामजद नहीं है लेकिन, पूरा प्रकरण पीसीएस 2015 का है। जांच टीम की मानें तो इस मामले में निष्कर्ष भी जल्द ही सामने होंगे। इसी बीच टीम को एपीएस 2010 भर्ती की अहम गड़बडिय़ां मिली हैं। सूत्रों की मानें तो भर्ती के टाइप टेस्ट में चार से पांच गलतियों को करने की छूट अभ्यर्थियों को मिली है, लेकिन कई ऐसे अभ्यर्थियों को चयनित किया गया जिन्होंने 25 से 30 गलतियां की हैं। वह सब रिकॉर्ड में है। इस भर्ती के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल हुई। कोर्ट ने 18 लोगों को बर्खास्त करने का आदेश दिया। आयोग ने उनमें से नौ लोगों को बर्खास्त किया है, बाकी को सही बताकर ज्वाइन कराया गया है। ऐसे ही कंप्यूटर का ट्रिपल सी प्रमाणपत्र आयोग ने तय तारीख के बाद स्वीकार किया है। बल्कि इस प्रक्रिया को भी सही करार दिया जा रहा है। 

तमाम ऐसे भी अभ्यर्थी भी सामने आए हैं, जिन्होंने हलफनामा दिया है कि उन्हें भर्ती के टाइप टेस्ट की सूचना नहीं दी गई। वहीं, आयोग का दावा है कि उसने अभ्यर्थियों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर सूचना भेजी है। सीबीआइ टीम ने इस मामले के रिकॉर्ड खंगाले तो कई अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं, जो खुद गवाही दे रहे हैं कि इन स्तरों पर अनदेखी की गई है। जांच टीम इस भर्ती में गड़बड़ी करने वालों को भी चिह्नित किया है। इसी मामले व कुछ अन्य भर्तियों को लेकर जल्द ही दूसरी एफआइआर दर्ज होगी। अफसरों का कहना है कि वह अभी गिरफ्तारी करने की जल्दबाजी में नहीं है, बल्कि अहम मामलों को जांचने के बाद ही इस दिशा में आगे बढ़ा 


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