उज्ज्वला योजना के लिए प्रयागराज में एक लाख आए आवेदन, बढ़ी मुफ्त गैस कनेक्शन की मांग
आल इंडिया एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर फेडरेशन मंडल के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार कहते हैं कि उज्ज्वला योजना के लिए आवेदन करने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। पांच वर्ष पहले जब योजना शुरू गई थी तो लाभार्थियों को हम लोग घर-घर जाकर तलाशते थे।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। घरेलू गैस सिलेंडर का दाम भले ही 950 रुपये के पार हो गया है। इसके बावजूद उज्ज्वला योजना के प्रति गरीब परिवार के लोगों का मोह भंग नहीं हुआ है। चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के लिए प्रयागराज जिले में अब तक 1.05 लाख से अधिक आवेदन आ चुके हैं। इसमें से 50664 लाभार्थियों को उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त में कनेक्शन दिया जा चुका है। 59428 आवेदन पोर्टल पर अपलोड किए जा चुके हैं।
इन आंकड़ों पर डालें एक नजर
- 1311286 एलपीजी के हैं उपभोक्ता
- 23500 प्रतिदिन सिलेंडर की खपत है
- 136 जिले में गैस एजेंसी है
- 73 इंडियन आयल
- 35 भारत पेट्रोलियम
- 28 हिन्दुस्तान पेट्रोलियम
- 79545 उपभोक्ताओं ने स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ी है
- 952.50 रुपये है घरेलू सिलेंडर की कीमत
- 48.50 सब्सिडी कितनी मिल रही है।
प्रयागराज में उज्ज्वला योजना के लिए 136 गैस एजेंसियां चिह्नित
केंद्र सरकार की ओर से चालू वित्तीय वर्ष में उज्ज्वला योजना के तहत अक्टूबर से कनेक्शन देने की प्रक्रिया शुरू की गई। इसके लिए जिले की 136 गैस एजेंसियों को चिह्नित किया गया है। उज्ज्वला योजना के लिए तहत प्रतिमाह तीस हजार से अधिक आवेदन आ रहे हैं। इंडियन आयल एलपीजी के एक अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष जिले में लगभग 70 हजार के आसपास लोगों को उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन दिया जाएगा।
एक वर्ष में 463519 गरीब महिलाओं को मिला मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की ओर से गरीब परिवारों की महिलाओं के चेहरों पर खुशी लाने के उद्देश्य से एक मई 2016 से उज्ज्वला योजना शुरू की की गई थी। योजना के अंतर्गत प्रयागराज जिले में एक वर्ष 463519 गरीब महिलाओं को मुफ्त में एलपीजी का गैस कनेक्शन दिया गया है।
बोले, एआइएलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर फेडरेशन के मंडल अध्यक्ष
आल इंडिया एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर फेडरेशन मंडल के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार कहते हैं कि उज्ज्वला योजना के लिए आवेदन करने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। पांच वर्ष पहले जब योजना शुरू गई थी तो लाभार्थियों को हम लोग घर-घर जाकर तलाशते थे। हालांकि इस बार स्वयं ही लोग एजेंसियों पर लाइन लगाकर आवेदन जमा कर रहे हैं। राशन कार्ड की अनिवार्यता न होती तो आवेदन करने वालों की संख्या दो लाख के पार हो गई होती।