आखिरी दिन उम्मीदवारों ने नामांकन में झोंकी ताकत, प्रतापगढ़ सदर तहसील में अंदर से बाहर तक गहमागहमी
प्रतापगढ़ में पंचायत चुनाव लडऩे वाले लोगों ने पूरे दमखम के साथ नामांकन किया। गुरुवार को आखिरी दिन नामांकन करने को उम्मीदवारों ने पूरी ताकत झोंक दी। सदर तहसील से लेकर जिले के सभी ब्लाकों में खासी गहमागहमी बनी रही।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रतापगढ़ में पंचायत चुनाव लडऩे वाले लोगों ने पूरे दमखम के साथ नामांकन किया। गुरुवार को आखिरी दिन नामांकन करने को उम्मीदवारों ने पूरी ताकत झोंक दी। सदर तहसील से लेकर जिले के सभी ब्लाकों में खासी गहमागहमी बनी रही। सदर तहसील में प्रदेश के श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुनील भराला के नेतृत्व में भाजपा समर्थित उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया। नेताओं व समर्थकों के जमावड़े से गहमागहमी का माहौल रहा। कुंडा व बाबागंज क्षेत्र के जनसत्ता दल समर्थित प्रत्याशियों ने भी पर्चा भरा। प्रताप सदन में सब पहुंचे । वहां से राष्ट्रीय महासचिव डॉ. केएन ओझा, जिलाध्यक्ष राम अचल वर्मा, एमएलसी के प्रवक्ता मुक्कू ओझा के साथ तहसील आकर गर्मजोशी से पर्चा भरा। इसके अलावा बिहार चतुर्थ से बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सुशील कुमार गौतम की मां सीमा ने पर्चा भरा। इसी प्रकार मंगरौरा तृतीय से इंद्रदेव तिवारी, लालगंज द्वितीय से बसपा समर्थित विजय मिश्रा बाबी, सदर द्वितीय से अच्युतानंद पांडेय, शिवगढ़ प्रथम से कांग्रेस समर्थित संदीप यादव उर्फ सोनू, मांधाता चतुर्थ से अरुण कुमार ङ्क्षसह, सपा से शायमा बानो ने लक्ष्मणपुर प्रथम से, अमित यादव ने मंगरौरा प्रथम, डीके शर्मा, सदर द्वितीय से सपा समर्थित हरिशरण प्रसाद यादव आदि नामांकन करने वालों में शामिल रहे।
सास-बहू ने एक साथ भरा पर्चा
जिला पंचायत के चुनाव में सास व बहू ने एक साथ पर्चा भरा। भाजपा नेता शिव प्रकाश मिश्र सेनानी की पत्नी सिंधुजा मिश्रा और उनकी बहू प्रीती देवी ने एक साथ तहसील आकर लक्ष्मणपुर तृतीय से पर्चा भरा तो लोग कहने लगे कि यहां का चुनाव बड़ा रोचक होगा। अधिकांश घरों में तो सास-बहू के बीच तल्खी ही होती है। अब देखना है कि चुनाव के मैदान में क्या नजारा देखने को मिलता है।
पूर्व विधायक की पत्नी मैदान में
भाजपा नेता व पूर्व विधायक बृजेश मिश्र सौरभ की पत्नी सीमा मिश्रा भी पंचायत चुनाव में कूद गई हैं। उन्होंने गुरुवार को संडवा प्रथम सीट से जिला पंचायत सदस्य के लिए नामांकन किया। इसके पहले मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर सौरभ की प्रशासन ने नोकझोंक होने पर सियासी गलियारे में चर्चा होने लगी थी। इसके पहले सौरभ के भाई जिला पंचायत सदन के सदस्य रह चुके हैं।