Naini Central Jail के कई कैदियों की रक्षाबंधन पर सूनी थीं कलाइयां, आज बंधी राखी तो खिले चेहरे
प्रयागराज जनपद में केंद्रीय कारागार नैनी है। यहां अपराधों की सजा काट रहे तमाम ऐसे भी कैदी रहे जिन्हें रक्षाबंधन पर बहनों से राखी बंधवाने का सौभाग्य नहीं प्राप्त हुआ। और मिठाई न मिलने पर उनके चेहरे पर फैली मायूसी सोमवार को खुशी में बदल गई।
प्रयागराज, जेएनएन। यह विडंबना ही थी कि नैनी सेंट्रल जेल के अंदर सूनी कलाई लिए बहनों का कैदी इंतजार कर रहे थे। वहीं जेल के बाहर मिठाई और राखी लेकर बहनें बेसब्री से भाइयों को राखी बांधने व उनसे मिलने की प्रतीक्षा कर रही थीं। लंबी लाइन में खड़ी थीं, लेकिन जब उनका नंबर आया तो कोविड-19 गाइडलाइन का हवाला देकर उन्हें भाइयों से नहीं मिलने दिया गया। भाई और बहन दोनों को इसका कसक रहा। बहनों का रक्षाबंधन पर्व पर भाई को राखी बांधने का सपना टूट गया तो सूनी कलाई लेकर कैदी मायूस हुए। हालांकि यह मायूसी कैदियों की आज सोमवार को दूर हुई, जब उनकी कलाइयों तक राखी पहुंची।
रक्षाबंधन पर कई कैदियों को बहनें नहीं बांध सकीं राखी
प्रयागराज जनपद में केंद्रीय कारागार नैनी है। यहां अपराधों की सजा काट रहे तमाम ऐसे भी कैदी रहे जिन्हें रक्षाबंधन पर बहनों से राखी बंधवाने का सौभाग्य नहीं प्राप्त हुआ। और मिठाई न मिलने पर उनके चेहरे पर फैली मायूसी सोमवार को खुशी में बदल गई। जेल प्रशासन ने बहनों द्वारा भेजी गई रक्षा पैकेट सोमवार को उन तक सैनिटाइजेशन करने के बाद पहुंचाया।
आरटी पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट दिखाने के बाद ही जेल में प्रवेश
मालूम हो कि नैनी सेंट्रल जेल प्रशासन ने इस बार कोविड-19 के मद्देनजर उन्हीं बहनों को जेल में बंद भाइयों को राखी बांधने के लिए प्रवेश दिया, जिन्होंने 72 घंटे के अंदर आरटी पीसीआर जांच कराई थी। निगेटिव रिपोर्ट दिखाने के बाद ही अंदर प्रवेश दिया जा रहा था। हालांकि इस निर्णय का प्रचार-प्रसार के अभाव में बहुत सी बहनों को इसकी जानकारी नहीं थी। इसीलिए वह अपने साथ जांच रिपोर्ट नहीं लाई थीं। घंटों खड़े होने के बावजूद उन्हें अंदर प्रवेश नहीं मिल सका।
भाई-बहन के चेहरे हो गए थे उदास
जेल के बैरकों में बहनों के इंतजार में पलकें बिछाए भाइयों को भी काफी मायूसी हुई। देर शाम तक कलाई में राखी न बंधने से मायूस कैदी अपने बैरकों में चले गए। कई कैदियों ने जेल के पीसीओ से घर फोन कर इसके बाबत जानकारी ली तो इसकी उन्हें जानकारी हो सकी।
आज रक्षा पैकेट मिलने से हुए खुश
हालांकि जेल प्रशासन को मायूस कैदियों और उनकी बहनों की भावनाओं को समझा। रक्षाबंधन के दिन जेल प्रशासन ने बहनों से रक्षा पैकेट उनके हाथों से लेकर गेट पर बने काउंटर पर जमा करा दिया था। उन पैकेटों को सैनिटाइज करने के बाद सोमवार को उसे संबंधित कैदियों को मुहैया कराया गया। रक्षाबंधन और मिठाई मिलने के बाद उनके चेहरे खिल गए।
पिछले साल बहनें नहीं बांध सकी थीं राखी
कोविड-19 के चलते पिछले साल नैनी सेंट्रल जेल में पूरी तरह से प्रवेश पर प्रतिबंध लगा हुआ था। इसके चलते बहनें अपने भाइयों के हाथों में रक्षा सूत्र नहीं बांध सकी थीं और न ही उन तक राखियों को पहुंचाया जा सका था। जेल परिसर में पूरी तरह से सन्नाटा छाया हुआ था। उस दौरान जेल में कोरोना का कहर जोरों पर था । बड़ी संख्या में बंदी कोरोना के चपेट में आ गए थे।