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सरसों के तेल व रिफाइंड के साथ ही पामोलीन के दाम में फिर वृद्धि, प्रयागराज तिलहन बाजार में जानें रेट

इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश केसरवानी का कहना है कि रिफाइंड और सरसों के तेल में इतनी वृद्धि क्यों हो रही है यह समझ से परे है। उनका कहना है कि इसके पहले तेल रिफाइंड और पामोलीन की कीमतों में इतनी बढ़ोतरी कभी नहीं हुई।

By Brijesh Kumar SrivastavaEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 08:45 AM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 08:45 AM (IST)
सरसों के तेल व रिफाइंड के साथ ही पामोलीन के दाम में फिर वृद्धि, प्रयागराज तिलहन बाजार में जानें रेट
प्रयागराज में तिलहन के सामानों का रेट और भी बढ़ गया है।

प्रयागराज, जेएनएन। दैनिक उपयोग की वस्‍तुओं को लेकर अब प्रयागराज के लोगों की जेब अधिक ढीली होगी। ऐसा इसलिए कि सरसों के तेल, सोयाबीन, फार्च्यून यानी रिफाइंड और पामोलीन की कीमतों में फिर वृद्धि हुई है। रेट बढ़ना अभी जारी है। इधर दो-तीन दिनों में इन सामग्रियों की कीमतों में फिर वृद्धि हुई है। सरसों के तेल का 15 लीटर के टीन में करीब 60 रुपये वृद्धि हुई है। इसी प्रकार पामोलीन में करीब 50 रुपये और सोयाबीन में लगभग 10 से 15 रुपये प्रति टीन की बढ़ोतरी हुई है। 

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थोक में वृद्धि से फुटकर में भी बढ़ेंगे दाम

सरसों के तेल की कीमत बढ़कर 2150 रुपये 15 लीटर का टीन हो गया है। वहीं रिफाइंड 1850 रुपये 15 किलो का टीन और पामोलीन के 15 किलो का टीन हो गया है। रविवार को सरसों का तेल 2090, रिफाइंड 1890 और पामोलीन 1840 रुपए 15 किलो के टीन की कीमत 1940 रुपये हो गई है। थोक रेट में वृद्धि होने से फुटकर में भी सरसों का तेल जो 145 रुपये प्रति लीटर, पामोलीन 130 रुपये प्रति लीट में था, अब इनकी कीमतों में भी करीब 10 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी होने की संभावना है। हालांकि दाल की कीमत स्थिर है। अरहर की दाल थोक में 82-84 रुपये प्रति किलो, चने की दाल 65 रुपये और मटर की दाल 80 रुपये प्रति किलो है।

बोले, इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष

इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश केसरवानी का कहना है कि पामोलीन मलेशिया से आता है। आयात शुल्क में वृद्धि होने के कारण इसमें बढ़ोतरी होना समझ में आ रहा है। हालांकि रिफाइंड और सरसों के तेल में इतनी वृद्धि क्यों हो रही है, यह समझ से परे है। उनका कहना है कि इसके पहले तेल, रिफाइंड और पामोलीन की कीमतों में इतनी बढ़ोतरी कभी नहीं हुई। सरकार को इनकी कीमतों की वृद्धि पर नियंत्रण लगाना चाहिए।


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