आंगनबाड़ी केंद्रों से पोषाहार के साथ घी-मिल्क पाउडर भी
कुपोषण को मात देने के लिए लाभार्थियों को पौष्टिक आहार दिया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत लाभार्थियों के लिए दूध पाउडर और देसी घी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (यूपीपीसीडीएफ) को दी गई है। इससे यूपीपीसीडीएफ द्वारा संचालित पराग की आय भी बढ़ेगी।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : कुपोषण को मात देने के लिए लाभार्थियों को पौष्टिक आहार दिया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत लाभार्थियों के लिए दूध पाउडर और देसी घी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (यूपीपीसीडीएफ) को दी गई है। इससे यूपीपीसीडीएफ द्वारा संचालित पराग की आय भी बढ़ेगी।
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की परियोजनाओं में संचालित 4499 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत लाभार्थियों को अब स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा पोषाहार वितरण की व्यवस्था शुरू कराई गई है। इसमें गेहूं, चावल व दाल के अलावा दूध पाउडर और देसी घी दिया जाएगा। एनआरएलएम के जिला प्रबंधक अमित शुक्ला का कहना है कि पोषाहार का वितरण शुरू करा दिया गया है। पोषाहार की पोटली में गेहूं चावल व दाल दी जा रही है। देसी घी और मिल्क पाउडर के लिए यूपीपीसीडीएफ को अवगत कराया गया है। वहीं, प्रभारी प्राक्यूरमेंट एंड इनपुट संतलाल यादव का कहना है कि मुख्यालय से आपूर्ति के निर्देश मिलने पर दूध पाउडर व देसी घी उपलब्ध करा दिया जाएगा।
पोषाहार की पोटली में ये सामग्री निर्धारित
छह माह से तीन वर्ष के बच्चों के लिए एक किलोग्राम चावल, 1.5 किलोग्राम गेहूं और 750 ग्राम दाल, 450 ग्राम देसी घी, सिकम्ड दूध 400 ग्राम, 03 से 06 वर्ष की आयु वाले बच्चों को एक किलोग्राम चावल, 1.5 किलोग्राम गेहूं और सिकम्ड दूध 400 ग्राम वितरण किया जाएगा। गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को एक किलोग्राम चावल, दो किलोग्राम गेहूं, देसी घी 450 ग्राम व सिकम्ड दूध 750 ग्राम दिया जाएगा। गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को डेढ़ किलोग्राम चावल, ढाई किलोग्राम गेहूं, 500 ग्राम दाल, देसी घी 900 ग्राम व सिकम्ड दूध 750 ग्राम दिया जाएगा।