फर्जी शिक्षकों की सेवा समाप्ति के बाद अब FIR की तैयारी, सभी SP को लिखा गया पत्र
उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर राज्य भर में 4570 शिक्षकों की सेवा समाप्ति का आदेश पहले ही दिया जा चुका है। अब विभिन्न थानों में मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से फर्जी बीएड की डिग्री के आधार पर शिक्षक बनने वालों के विरुद्ध अब एफआईआर दर्ज कराने के लिए अनुरोध किया गया है। शासन के निर्देश पर प्रदेश भर में 4570 शिक्षकों की सेवा समाप्ति का आदेश पहले ही दिया जा चुका है। अब विभिन्न थानों में मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से बीएड सत्र 2004-05 से फर्जी व टेंपर्ड प्रमाणपत्र धारी अभ्यर्थियों की विवेचना इन दिनों हाई कोर्ट इलाहाबाद के निर्देश पर चल रही है। यह कार्य अपर पुलिस महानिदेशक विशेष अनुसंधान दल उप्र के निर्देशन में हो रहा है। 13 सितंबर, 2017 को विवेचना में सामने आया कि आगरा विश्वविद्यालय सत्र 2005 के टेबुलेशन चार्ट में 3517 छात्रों का अधिक परीक्षा परिणाम अंकित कर दिया गया है और 1053 छात्रों को टेंपर्ड अंकतालिका वितरित की गई।
इस तरह कुल 4570 छात्रों को फर्जी अंक तालिकाएं वितरित कर उनका समायोजन विश्वविद्यालय के टेबुलेशन चार्ट में किया गया है। बता दें कि इन छात्रों को शिक्षक के रूप में नियुक्ति परिषदीय स्कूलों में मिली है। अपर पुलिस अधीक्षक विशेष अनुसंधान दल उप्र की ओर से प्रेषित पत्र के साथ विश्वविद्यालय के परिणाम के संदर्भ में महाविद्यालयवार संपूर्ण सूचनाएं परिषद को उपलब्ध कराई गई थी।
एसआइटी की ओर से बेसिक शिक्षा विभाग से सहायक अध्यापक पद पर चयनित अभ्यर्थियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने की अपेक्षा की गई थी। परिषद ने सभी मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक व बेसिक शिक्षा अधिकारियों को फर्जी शिक्षकों की सूची भेजकर नियमानुसार कार्रवाई करने और उनकी सेवा समाप्त करके उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे।
इस समय प्रकरण की सुनवाई हाई कोर्ट में चल रही है। इसलिए इसका जल्द निस्तारण करने की अपेक्षा है। बेसिक शिक्षा परिषद के उप सचिव अनिल कुमार ने सभी एसपी को भेजे पत्र में कहा है कि संबंधित थाना क्षेत्रों में यदि बीएसए की ओर से एफआईआर के लिए प्रार्थनापत्र दिया जाता है तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई हो।