अब आसानी से नहीं मिल सकेगा स्वयं सहायता समूहों को कोटा, डीसी NRLM का अनुमोदन जरूरी
प्रतापगढ़ में करीब 100 ग्राम पंचायतों में कोटे का संचालन स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कर रहीं हैं। कोटे के आवंटन में समूह की महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इसमें भी अब खेल होने लगा है। प्रधान कोटा आवंटित कराने को प्रतिष्ठा की बात बना रहे हैं
प्रतापगढ़, जागरण संवाददाता। कोटे के संचालन में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को वरीयता दी जा रही है। अब गांव के प्रधान कोटे के चयन के लिए लेकर घर व परिवार की महिलाओं को समूह से जोड़ रहे हैं। कोटे के लिए कागजों पर बैठक कराकर चयन कराने की शिकायत अफसरों तक पहुंची है। ऐसे में अब कोटे के चयन में पारदर्शिता बरतने पर खासा जोर दिया जा रहा है। अब कोटा चयन के लिए होने वाली बैठक की वीडियोग्राफी होगी। एक से अधिक आवेदन होने पर डीसी एनआरएलएम को अनुमोदन करना होगा। उनके अनुमोदन पर ही समूह के नाम कोटा आवंटित किया जाएगा।
कमिश्नर तक पहुंचा कोटा आवंटन का मामला
प्रतापगढ़ में करीब 100 ग्राम पंचायतों में कोटे का संचालन स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कर रहीं हैं। कोटे के आवंटन में समूह की महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इसमें भी अब खेल होने लगा है। ऊंची रसूख के चलते प्रधान अपने चहेते समूह को कोटा आवंटित कराने को प्रतिष्ठा की बात बना रहे हैं। उदाहरण के तौर पर सदर तहसील क्षेत्र के रामनगर भोजपुर में कोटे के आवंटन का मामला कमिश्नर तक पहुंच गया है। डीएम को पत्र लिखकर मामले की जांच और कार्रवाई किए जाने को कहा गया है। बढ़ते मामलों को देखते हुए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक ने स्पष्ट किया है कि अगर गांव में कोटे के लिए कई समूह आवेदन करते हैं तो डीसी एनआरएलएम के अनुमोदन पर ही समूह को कोटे के संचालन की जिम्मेदारी दी जाएगी। निर्धारित शर्त पूरा करने पर ही चयन होगा।
मानक करना होगा पूरा
एक से अधिक आवेदन करने पर डीसी एनआरएलएम गांव में जाएंगे। यह देखेंगे कि कौन सा समूह अधिक सक्रिय है। वह समूह तरह-तरह के उत्पाद तैयार कर रहा हो। समूह की महिलाएं रोजगार से जुड़ी हों। इसके अलावा अन्य कई शर्तों को पूरा करना होगा। शर्त पूरा करने वाले समूहों को ही कोटे का आवंटन किया जाएगा।
एक से अधिक समूहों के आवेदन करने पर इसका सत्यापन होगा। निर्धारित शर्त पूरा करने वाले समूहों को ही कोटे का आवंटन किया जाएगा।
-डा. एनएन मिश्रा, डीसी एनआरएलएम