अब सिर्फ बेली-एसआरएन में कोरोना संक्रमितों का इलाज
कोरोना मरीजों में गिरावट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने अहम फैसला लिया है।
मनीष मिश्र, प्रयागराज
कोरोना मरीजों में गिरावट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने सोमवार को अहम फैसला लिया है। अब कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज जिले के दो कोविड अस्पतालों में होगा। इसमें लेवल टू का तेज बहादुर सप्रु चिकित्सालय (बेली) और लेवल थ्री का स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल (एसआरएन) शामिल है। बाकी अन्य चार कोविड केयर सेंटर व कोविड अस्पताल बंद कर दिए गए हैं।
पिछले दिनों जब प्रयागराज में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रकोप चरम पर था, तब स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए कुल 3200 बेड के कोविड अस्पतालों की व्यवस्था कर रखी थी। इसमें 900 बेड चालू हालत में थे। शेष को इमरजेंसी सेवाओं के लिए सुरक्षित किया गया था। एक अक्टूबर से कोरोना मरीजों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई। अब कोरोना मरीजों की संख्या 100-150 तक सिमट गई है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग कोविड अस्पतालों की संख्या में भी कमी कर रहा है। शहर के चार कोविड अस्पतालों को बंद कर दिया गया। इसमें कोटवा बनी कोविड अस्पताल, यूनानी मेडिकल कॉलेज, रेलवे कोविड अस्पताल और कालिंदीपुरम कोविड केयर सेंटर को बंद करने का निर्णय लिया गया। कालिंदीपुरम कोविड केयर सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. राहुल सिंह ने बताया कि इस अस्पतालों में जो मरीज भर्ती थे, उनकी आइसोलेशन की अवधि पूरी होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। डॉ. सिंह ने बताया कि यदि जरूरत पड़ी तो इन अस्पतालों का पुन: चालू कराया जा सकता है। होम आइसोलेशन से अस्पतालों में घटे संक्रमित
प्रदेश सरकार ने जब से कोरोना संक्रमितों के लिए होम आइसोलेशन की व्यवस्था लागू की। तब से अधिकांश मरीज कोविड अस्पतालों में जाने से परहेज करने लगे। यही कारण है कि कोविड अस्पतालों में मरीजों की संख्या अब घट गई है। मौजूदा समय में करीब 1600 सक्रिय मरीज हैं, जिसमें ज्यादातर होम आइसोलेशन में हैं। कोरोना संक्रमितों की संख्या में इधर काफी गिरावट आई है। ऐसे में यह निर्णय लिया गया है कि सिर्फ एसआरएन और बेली में ही मरीजों को भर्ती किया जाएगा। बेली लेवल टू का अस्पताल है लेकिन इसमें अलक्षणीय कोरोना के मरीज ही भर्ती हो सकेंगे।
डॉ. जीएस वाजपेयी, मुख्य चिकित्साधिकारी।