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अभिलेखों में हेरफेर करके अब यूपी बोर्ड में प्रवेश लेना आसान नहीं, दाखिले के बाद होगी जांच

यूपी बोर्ड ने यूपी सहित कई राज्यों के उन बोर्डों से छात्र-छात्राओं का ब्योरा मांगा है जो 10वीं व 12वीं परीक्षा में अनुत्तीर्ण हुए हैं या 9वीं व 11वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 24 Jul 2019 10:58 AM (IST)Updated: Wed, 24 Jul 2019 04:36 PM (IST)
अभिलेखों में हेरफेर करके अब यूपी बोर्ड में प्रवेश लेना आसान नहीं, दाखिले के बाद होगी जांच
अभिलेखों में हेरफेर करके अब यूपी बोर्ड में प्रवेश लेना आसान नहीं, दाखिले के बाद होगी जांच

प्रयागराज [धर्मेश अवस्थी]। अभिलेखों में हेरफेर करके अब यूपी बोर्ड में प्रवेश लेना आसान नहीं होगा। फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बोर्ड प्रशासन ने बड़ी पहल की है। उसने यूपी सहित आसपास राज्यों के उन बोर्डों से छात्र-छात्राओं का ब्योरा मांगा है, जो 10वीं व 12वीं परीक्षा में अनुत्तीर्ण हुए हैं या फिर 9वीं व 11वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है। इसके माध्यम से बोर्ड छात्र-छात्राओं के अभिलेखों का मिलान करके ही हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देगा। गड़बड़ करने वालों को परीक्षा के काफी पहले ही बाहर किया जाएगा।

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यूपी बोर्ड सचिव ने यूपी व आसपास राज्यों के बोर्ड निदेशक, सचिव व परीक्षा नियंत्रक को पत्र भेजा है। उनसे अनुरोध किया कि वे अपने यहां 2015 से लेकर 2019 की 10वीं व 12वीं परीक्षा में अनुत्तीर्ण और 9वीं व 11वीं की परीक्षा में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं का डाटा उपलब्ध करा दें। असल में, दूसरे बोर्ड के अनुत्तीर्ण अभ्यर्थी अभिलेखों में हेरफेर करके यूपी बोर्ड में प्रवेश लेने की जुगत हर वर्ष करते आ रहे हैं।

अंकों व जन्म तारीख बदलना

यूपी बोर्ड की जांच में सामने आ चुका है कि दूसरे बोर्ड के परीक्षार्थी हाईस्कूल व इंटर में अंक बढ़ाने या फिर जन्म तारीख को कम कराने के लिए जाली प्रपत्रों का सहारा लेकर प्रवेश लेते रहे हैं। शिक्षा बोर्ड से रिकॉर्ड मिलने पर यह कुप्रयास विफल कर दिया जाएगा।

83753 को कर चुके बाहर

यूपी बोर्ड 2018 की हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा में 83753 छात्र-छात्राओं ने फर्जी अभिलेखों के आधार पर प्रवेश लिया था, उन्हें बोर्ड ने परीक्षा के पहले बाहर कर दिया था। इसी तरह 2019 की परीक्षा में यह संख्या करीब 15 हजार रही, जबकि 2017 की परीक्षा में कई परीक्षार्थी इम्तिहान में शामिल हुए उनका रिजल्ट रोकना पड़ा था।

विवरण की कराएंगे जांच : सचिव

यूपी बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि शिक्षा बोर्डों को प्रोफार्मा भेजकर रिपोर्ट मांगी है, प्रवेश के बाद उनकी जांच कराएंगे। गड़बड़ मिलने पर सभी को बाहर किया जाएगा।

इन बोर्डों से मांगी गई रिपोर्ट

सीबीएसई नई दिल्ली, काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन नई दिल्ली, उप्र मदरसा शिक्षा परिषद लखनऊ, माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद उप्र, उत्तराखंड, पटना, भोपाल, अजमेर, मोहाली, हरियाणा, कांगड़ा, रांची, कोलकाता, नेशनल ओपेन स्कूल दिल्ली।


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