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अब फर्जी बीएड डिग्री धारकों की जांच, माध्यमिक कॉलेजों में नियुक्ति पाने वालों का ब्यौरा तलब

उत्तर प्रदेश के अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की 2004-05 सत्र की फर्जी बीएड डिग्री की जांच की आंच माध्यमिक कॉलेजों तक पहुंच रही है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 07 Jun 2020 06:36 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 06:42 PM (IST)
अब फर्जी बीएड डिग्री धारकों की जांच, माध्यमिक कॉलेजों में नियुक्ति पाने वालों का ब्यौरा तलब
अब फर्जी बीएड डिग्री धारकों की जांच, माध्यमिक कॉलेजों में नियुक्ति पाने वालों का ब्यौरा तलब

प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा की 2004-05 सत्र की फर्जी बीएड डिग्री की जांच की आंच माध्यमिक कॉलेजों तक पहुंच रही है। अपर निदेशक माध्यमिक डॉ. महेंद्र देव ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से ऐसे शिक्षकों की सूचना मांगी है कि जिन्होंने आगरा विश्वविद्यालय के 2004-05 सत्र की बीएड डिग्री के आधार पर नियुक्ति प्राप्त की है। कई जिलों से यह सूचनाएं मिल गई हैं, जबकि कुछ जिलों से रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

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अपर निदेशक माध्यमिक डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि यह छानबीन मुख्य रूप से 2004-05 में बीएड की डिग्री आगरा से हासिल करने वालों की ही है। जिलों से आने वाली रिपोर्ट की जांच के लिए निदेशालय के दो अधिकारियों रामचेत और शिव सेवक सिंह की दो सदस्यीय कमेटी भी गठित कर दी है, जो इन प्रकरणों की जांच करेंगे। असल में एसआइटी ने आगरा विश्वविद्यालय से बीएड करने वालों की कुल संख्या चार हजार से अधिक बताई है। उसमें से प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति पाने वालों को बेसिक शिक्षा परिषद ने चिह्नित कर लिया है लेकिन, माध्यमिक में यह कार्य नहीं हुआ था अब तेजी से इस दिशा में जांच होगी और फर्जी डिग्री लगाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

अपर निदेशक माध्यमिक डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि जिन जिलों से रिपोर्ट मिली है वहां के कुछ शिक्षकों को चिन्हित किया गया साथ ही अन्य जिलों से रिपोर्ट मिलने का इंतजार है। एसआइटी की रिपोर्ट के अनुसार शिक्षकों की डिग्रियों का मिलान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जुलाई माह के पहले सप्ताह तक ऐसे शिक्षकों को चिन्हित कर लेने की तैयारी है, ताकि अगली कार्रवाई की जा सके।

बता दें कि डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के बहुचर्चित फर्जी अंकतालिका प्रकरण में कार्यपरिषद ने बीएड सत्र 2005 (2004-05) के फर्जीवाड़े में 2824 छात्रों की अंकतालिका को फर्जी करार दिया है। 3637 फर्जी छात्रों (रोल नंबर जनरेट, बिना पढ़े और परीक्षा दिए अंकतालिका देना) की सूची पर यह फैसला लिया है। फर्जी अंकतालिका के आधार पर छात्रों ने प्रदेश भर में शिक्षक की नौकरी पा ली है।


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