Food Testing Lab : अब लखनऊ और गोरखपुर नहीं भेजना पड़ेगा सैंपल, Prayagraj में ही स्थापित होगी लैब
वाराणसी गोरखपुर आगरा लखनऊ झांसी मेरठ मंडलों में फूड टेस्टिंग लैब पहले से ही है। इन प्रयोगशालाओं से जांच रिपोर्ट संबंधित जिलों को अक्सर समय पर नहीं मिल पाती है।
प्रयागराज, जेएनएन। अब फूड टेस्टिंग के लिए नमूने लखनऊ और गोरखपुर नहीं भेजना पड़ेगा, क्योंकि फूड टेस्टिंग लैब प्रयागराज में ही स्थापित की जाएगी। आने वाले दिनों में दुकानों से लिए गए खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच जिले में ही होने लगेगी। जिले में फूड टेस्टिंग लैब स्थापित करने के लिए शासन के निर्देश पर मंडियों में जमीन का सर्वे शुरू किया गया है। जमीन उपलब्ध होने पर डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करके शासन को भेजा जाएगा।
जांच रिपोर्ट अक्सर समय पर नहीं मिल पाती है
अभी तक फूड टेस्टिंग लखनऊ और गोरखपुर स्थित लैब में कराई जाती है। वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, लखनऊ, झांसी, मेरठ मंडलों में फूड टेस्टिंग लैब पहले से ही है। इन प्रयोगशालाओं से जांच रिपोर्ट संबंधित जिलों को अक्सर समय पर नहीं मिल पाती है। सैंपल की जांच रिपोर्ट 15 दिन में मिल जानी चाहिए। लिहाजा प्रयागराज, देवीपाटन, मुरादाबाद और बरेली मंडलों में भी फूड टेस्टिंग लैब स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन को करीब ढाई से तीन हजार स्क्वायर फीट जमीन चाहिए।
मंडी परिषद की सचिव ने यह बताया
मंडी परिषद की सचिव रेनू वर्मा कहती हैं कि फूड टेस्टिंग लैब बनाने के लिए सिरसा, लेडिय़ारी, मेजा मंडियों में सर्वे चल रहा है। जमीन उपलब्ध होने पर शासन के दिशा-निर्देश के मुताबिक आगे की कार्रवाई होगी।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने यह कहा
खाद्य सुरक्षा अधिकारी केके त्रिपाठी ने कहा कि जमीन के संदर्भ में मंडी परिषद के अधिकारियों से बात हुई है। मुंडेरा मंडी का सर्वे भी किया गया है लेकिन वहां जमीन नहीं है। इसके लिए जमीन हेडक्वार्टर पर ही चाहिए क्योंकि सैंपल पार्सल, ट्रेनों और बसों से भी भेजे जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित होने पर सैंपल नहीं पहुंच पाएंगे। इसलिए कोशिश है कि शहर के आसपास जमीन मिल जाए।