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Kumbh mela 2019 : जूना अखाड़ा संग शाही स्नान करेंगे दंडी संन्यासी, हुआ आपसी समझौता

कुंभ मेला क्षेत्र में चरखी दादरी शिविर में जूना अखाड़ा और अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंधन समिति की बैठक हुई। इसमें समझौता हुआ कि अब दंडी संन्‍यासी जूना अखाड़े के साथ शाही स्‍नान करेंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 07:48 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 10:47 AM (IST)
Kumbh mela 2019 : जूना अखाड़ा संग शाही स्नान करेंगे दंडी संन्यासी, हुआ आपसी समझौता
Kumbh mela 2019 : जूना अखाड़ा संग शाही स्नान करेंगे दंडी संन्यासी, हुआ आपसी समझौता

कुंभनगर : देश के सबसे बड़े अखाड़ा जूना ने अपना विस्तार करते हुए नारायण स्वरूप दंडी संन्यासियों को साथ लेकर चलने का अहम निर्णय लिया है। दंडी संन्यासी अब जूना अखाड़ा के अहम अंग हो गए हैं। दंडी संन्यासी कुंभ मेला में होने वाले शाही स्नान में जूना के साथ शामिल होंगे। दोनों का शिविर एक-दूसरे के पास लगेगा। साथ ही धार्मिक अनुष्ठानों में मिलकर हिस्सा लेंगे।

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समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुआ

इसको लेकर जूना अखाड़ा व अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंधन समिति के बीच समझौता हो गया है। दंडी स्वामीनगर स्थित चरखी दादरी शिविर में जूना अखाड़ा व दंडी संन्यासियों की बैठक हुई, जिसमें हर ङ्क्षबदु पर चर्चा करते हुए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुआ। बैठक में जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि, अध्यक्ष महंत प्रेम गिरि, विद्यानंद सरस्वती, शिवानंद पुरी, बलवंत गिरि, स्वामी हरिश्वराश्रम, स्वामी महेशाश्रम, स्वामी विमलदेव आश्रम, स्वामी ब्रह्माश्रम, स्वामी शंकराश्रम मौजूद रहे।

दंडी संन्यासी सनातन धर्म के सच्चे संवाहक : महंत हरि गिरि

जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि ने कहा कि आदिशंकराचार्य की परंपरा का निर्वाहन करने वाले दंडी संन्यासी सनातन धर्म के सच्चे संवाहक हैं। जूना अखाड़ा उन्हें पूरे सम्मान व अधिकार से अपने साथ रखेगा। दंडी संन्यासियों के हित की रक्षा करना जूना अखाड़ा का कर्तव्य होगा।

जूना अखाड़ा ने दंडी संन्यासियों का बढ़ाया सम्मान : स्वामी विलमदेव

अध्यक्ष अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंधन समिति के अध्यक्ष स्वामी विलमदेव आश्रम का कहना है कि जूना अखाड़ा ने दंडी संन्यासियों का सम्मान व ताकत को बढ़ाया है। प्रयाग की धरती पर सनातन धर्म के क्षेत्र में ऐतिहासिक निर्णय हुआ है। इसका दूरगामी परिणाम बहुत अच्छा होगा। हमारे साथ रहने से सनातन धर्म की पताका दुनियाभर में फहरेगी।


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