Education News: ट्रिपलआइटी में अब 11वीं के बाद इंजीनियरिंग में कर सकेंगे डाक्टरेट
ट्रिपलआइटी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत अनोखा और लचीला पाठ्यक्रम डिजाइन किया है। इसमें 11वीं पास छात्रों को भी दाखिला मिल सकेगा। वह आठ साल में क्रमश सर्टिफिकेट स्किल सर्टिफिकेट डिप्लाेमा स्नातक की डिग्री पीजी डिप्लोमा पीजी की डिग्री और डाक्टरेट की उपाधि हासिल कर सकेंगे।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआइटी) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत अनोखा और लचीला पाठ्यक्रम डिजाइन किया है। इसमें 11वीं पास छात्रों को भी दाखिला मिल सकेगा। वह आठ साल में क्रमश: सर्टिफिकेट, स्किल सर्टिफिकेट, डिप्लाेमा, स्नातक की डिग्री, पीजी डिप्लोमा, पीजी की डिग्री और डाक्टरेट की उपाधि हासिल कर सकेंगे। इसके लिए देशभर के कई नामी-गिरामी संस्थानों से करार होगा। इसके लिए संस्थान में तीन दिसंबर को दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। सम्मेलन में सहमति बनने पर प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद सत्र 2022-23 से नया पाठ्यक्रम लागू भी कर दिया जाएगा।
देशभर के कई नामी-गिरामी तकनीकी संस्थानों के साथ होगा करार
कार्यक्रम समन्वयक और संस्थान में इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन ब्रांच के प्रोफेसर नीतेश पुरोहित ने बताया कि इस लचीले पाठ्यक्रम में छात्रों को अपनी सुविधानुसार हर सेमेस्टर की पढ़ाई अपने मनपसंद संस्थान से करने की छूट होगी। इसके अलावा यह भी छूट रहेगा कि छात्र कहां तक पढ़ाई करना चाहता है। उसी अनुरूप उसे डिप्लोमा अथवा डिग्री प्रदान की जाएगी। सम्मेलन के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इसका मकसद एफएपी के शिक्षाविदों, प्रशासन और वित्तीय पहलुओं से संबंधित विभिन्न व्यावसायिक नियमों को ठोस बनाना है। ताकि एफएपी को शुरुआत में तकनीकी शिक्षा के लिए चार साल के पायलट मोड में सत्र 2022-23 से शुरू किया जा सके। सम्मेलन में देश के प्रसिद्ध आइआइटी, एनआइटी, ट्रिपलआइटी, तकनीकी विश्वविद्यालयों और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों के साथ एआइसीटीइ, एसोसिएशन आफ इंडियन यूनिवर्सिटीज, नीति आयोग एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली और आइट्रिपलई उत्तर प्रदेश अनुभाग ने इस सम्मेलन को गैर वित्तीय सहायता प्रदान की है।
निदेशक का है यह कहना
यह अध्यादेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता का एक अभिव्यक्ति है। इस दृष्टि से कि यह छात्रों को सीखने की प्रक्रिया में निरंतरता बनाए रखने में सक्षम बनाता है। प्रस्तावित ढांचा निकास बिंदुओं के साथ बहु संस्थान और बहु विषयक सीखने के लाभ उपलब्ध कराता है।
प्रो. पी नागभूषण, निदेशक, ट्रिपलआइटी।