North Central Railway के महाप्रबंधक बोले- Cattle Run Over पर नियंत्रण के लिए बहुआयामी प्रयास की है जरूरत
एनसीआर के जीएम प्रमोद कुमार ने कहा कि फील्ड में काम करने वाले रेलवे अधिकारियों को चाहिए कि वे कैटल रन ओवर प्रभावित क्षेत्रों के गांवों में स्थानीय निवासियों से मिलें और उन्हेंं मवेशियों को रेलवे ट्रैक से दूर रखने के विषय में संवेदित करें।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के महाप्रबंधक प्रमोद कुमार ने कहा कि कैटल रन ओवर (सीआरओ) पर नियंत्रण के लिए बहुआयामी प्रयास की जरूरत है। महाप्रबंधक ने सभी मंडल रेल प्रबंधकों और अन्य अधिकारियों को विफलताओं का गहन विश्लेषण करने और भविष्य के लिए सुधारात्मक उपाय करने का निर्देश दिया। उन्होंने समीक्षा बैठक में ट्रेन संचालन में संरक्षा और समयपालनता के आदि विषयों पर चर्चा की। जीएम ने कहा कि समय पालनता बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि परिसंपत्ति विफलताओं को कम किया जाए। विफलताओं के मामले में संचालन की बहाली का समय यथासंभव न्यूनतम होना चाहिए।
जीएम बाेले, मवेशियों को रेलवे ट्रैक से दूर रखें
एनसीआर के जीएम प्रमोद कुमार ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद पहले सप्ताह में तीनों मंडलों का दौरा करने के बाद विभिन्न विभागों के प्रमुख विभागाध्यक्षों और मंडल रेल प्रबंधकों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि कैटल रन ओवर (सीआरओ) के समाधान के लिए बहुआयामी प्रयास की जरूरत है। फील्ड में काम करने वाले रेलवे अधिकारियों को चाहिए कि वे कैटल रन ओवर प्रभावित क्षेत्रों के गांवों में स्थानीय निवासियों से मिलें और उन्हेंं मवेशियों को रेलवे ट्रैक से दूर रखने के विषय में संवेदित करें। उन्होंने अलार्म चेन पुलिंग मामलों को कम करने पर बल देते हुए निर्देश दिया कि इससे प्रभावित विशिष्ट ट्रेनों और स्थानों की पहचान की जाए। सुरक्षाकर्मियों को प्रभावित स्थानों पर तैनात किया जाना चाहिए ताकि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्ररवाई की जा सके।
एनसीआर के जीएम ने सराहनीय कार्य के लिए बधाई दी
महाप्रबंधक प्रमोद कुमार ने पिछले 10 दिनों के दौरान झांसी-बबीना तीसरी लाइन, महोबा-खजुराहो विद्युतीकरण और ईओटीटी के सफल परीक्षण सहित विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने के लिए अधिकारियों को बधाई दी। इसके अलावा आधारभूत संरचना कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए महाप्रबंधक ने मंडल रेल प्रबंधकों को निर्देश दिया कि मंडलों द्वारा विभिन्न क्रियान्वयन एजेंसियों के साथ समन्वय किया जाना चाहिए। ताकि सभी परियोजनाएं निर्धारित समय सीमा और लक्ष्य के अंदर पूरी की जा सकें।