अवैध शराब बेचने वाले दुकानदारों की नहीं हो रही गिरफ्तारी, Prayagraj police की नीयत पर उठ रहे सवाल
रकारी ठेके की आड़ में अवैध शराब बेचने के साथ उनका कनेक्शन भी माफिया व तस्करों के साथ मिलना पाया गया है। इसके बावजूद पुलिस अवैध शराब के कारोबार में लिप्त दुकानदारों को गिरफ्तार नहीं का पा रही है। पुलिस की इस हीलाहवाली से आरोपितों को फायदा मिल रहा है
प्रयागराज, जेएनएन। हंडिया में जहरीली शराब से 14 की मौत के बाद कई लाइसेंसी दुकानदारों की भी पोल खुल गई। सरकारी ठेके की आड़ में अवैध शराब बेचने के साथ ही उनका कनेक्शन भी माफिया व तस्करों के साथ मिलना पाया गया है। इसके बावजूद पुलिस अवैध शराब के कारोबार में लिप्त दुकानदारों को गिरफ्तार नहीं का पा रही है। पुलिस की इस हीलाहवाली से जहां आरोपितों को फायदा मिल रहा है, वहीं पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
गिरफ्तारी न होने से उठ रहे हैं कई सवाल
पहला मामला थरवई थाना क्षेत्र का है। यहां 15 मार्च को पुलिस और आबकारी इंस्पेक्टर ने सहीदाबादगंज हेतापट्टी स्थित देसी शराब की दुकान पर छापेमारी करते हुए अवैध शराब बरामद की थी। साथ ही सेल्समैन सुनील कुमार जायसवाल को गिरफ्तार किया था। इसी मामले में तेजपुर मऊआइमा निवासी बृजेश कुमार जायसवाल और तारडीह थरवई के अरविंद जायसवाल के खिलाफ भी मुकदमा लिखा गया, लेकिन 14 दिनों बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। इसी तरह सोरांव पुलिस ने तीन दिन पहले अवैध शराब के मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया, लेकिन सुमित, पप्पू समेत तीन अभियुक्त तक पकड़ से दूर हैं। यह हाल तब है, जब होली के साथ ही पंचायत चुनाव को लेकर भी अवैध शराब का काला धंधा जोरों पर है। गिरफ्तारी न होने को लेकर कुछ लोग पुलिस पर संरक्षण देने और मिलीभगत का भी आरोप मढ़ रहे हैं। हालांकि एसपी गंगापार धवल जायसवाल का कहना है कि वांछित आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दोनों थानों की पुलिस को निर्देश दिए गए हैं।