NIC ने बनाया खास जल एप जो बताएगा खराब हैंडपंप की लोकेशन, प्रयागराज के CDO ने किया लांच
एनआइसी प्रयागराज की टीम ने जल एप विकसित किया है। इस एप के जरिए खराब हैंडपंप को आसानी से चिह्नित किया जा सकेगा तब उसे समय रहते बनाया जा सकेगा। इसके अलावा हैंडपंप के रिपेयर में हो रहे फर्जीवाड़ा को पकड़ा जा सकेगा।
प्रयागराज, जेएनएन। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) प्रयागराज की टीम ने जल एप विकसित किया है। इस एप के जरिए खराब हैंडपंप को आसानी से चिह्नित किया जा सकेगा, तब उसे समय रहते बनाया जा सकेगा। इसके अलावा हैंडपंप के रिपेयर में हो रहे फर्जीवाड़ा को पकड़ा जा सकेगा। इस एप को सीडीओ शिपू गिरि ने लांच किया है। 15 मार्च तक यह गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकेगा।
15 मार्च से यह एप गूगल प्ले स्टोर पर दिखेगा
जिले में एक लाख से अधिक हैंडपंप लगे हैं। इन हैंडपंपों को लगाने और उनके रिपेयर में सरकार के करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं। इसके बावजूद अक्सर हैंडपंपों के खराब होने की शिकायत आती है। इन शिकायतों को देखते हुए पूर्व सीडीओ आशीष कुमार ने कहा था कि ऐसा कोई मैकेनिज्म डेवलप किया जाय, जिसमें सभी हैंडपंप की वास्तविक सूचना मिलती रहे। उनके निर्देश पर एनआइसी में तैनात जिला सूचना विज्ञान अधिकारी विजय कुमार, अपर जिला सूचना विज्ञान अधिकारी प्रतिमा मिश्रा और टीम के सदस्यों ने जल एप विकसित किया। मोबाइल एप बनने के बाद शुक्रवार को डीएम भानुचंद्र गोस्वामी के निर्देश पर सीडीओ शिपू गिरी ने एनआइसी में इसका उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि जिले भर के ग्राम सचिव एक-एक हैंडपंप का जिओ टैगिंग के माध्यम से सर्वे करके उसका कोड नंबर उसमें लिख रहे हैं। साथ ही उसका विवरण इस एप मेें अपलोड कर रहे हैं।
चिह्नित हो जाएंगे जिले के सभी हैंडपंप
एप के माध्यम से जिले भर के सभी हैंडपंप चिह्नित हो जाएंगे। उसके बाद अगर कोई हैंडपंप खराब होता है तो ग्रामीण उसकी फोटो खींचकर इस एप पर भेज सकते हैं। एप पर उसके खराब होने की फोटो आते ही प्रशासन सक्रिय हो जाएगा और उसे ठीक करवाएगा। इसके अलावा हैंडपंप रिपेयर के नाम पर कोई अधिकारी या कर्मचारी फर्जीवाड़ा करता है तो वह पकड़ा जाएगा। इस एप को 15 मार्च से लोग अपने मोबाइल पर डाउनलोड कर सकते हैं।