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Birth Anniversary of Subash chandra Bose : नेता जी 1939 में आए थे प्रयागराज, पीडी टंडन पार्क में सभा के बाद एंग्लो बंगाली स्कूल भी पहुंचे

Birth Anniversary of Subash chandra Boseआजादी के आंदोलन में प्रयागराज का विशेष महत्व रहा है। यहां ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कई बैठकें और सभाएं हुई हैं। इनमें उस समय के अधिकांश नेता यहां आते थे। 1939 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस भी इलाहाबाद (अब प्रयागराज) आए थे।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 06:00 AM (IST)
Birth Anniversary of Subash chandra Bose : नेता जी 1939 में आए थे प्रयागराज, पीडी टंडन पार्क में सभा के बाद एंग्लो बंगाली स्कूल भी पहुंचे
1939 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस भी इलाहाबाद आए थे। अपने प्रवास के दौरान वे कई जगहों पर गए थे।

प्रयागराज, जेएनएन। आजादी के आंदोलन में प्रयागराज का विशेष महत्व रहा है। यहां ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कई बैठकें और सभाएं हुई हैं। इनमें उस समय के अधिकांश नेता यहां आते थे। 1939 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस भी इलाहाबाद (अब प्रयागराज) आए थे। अपने प्रवास के दौरान वे कई जगहों पर गए थे। उन्होंने फारवर्ड ब्लॉक के लिए लोगों से समर्थन भी मांगा था।  सिविल लाइंस के पीडी पार्क में उन्होंने एक सभा को संबोधित किया था। सभा के बाद छात्रों के आग्रह करने पर वे एंग्लो बंगाली इंटर कालेज भी गए थे।

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फारवर्ड ब्‍लाक के लिए समर्थन जुटाने आए थे नेताजी

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रसायनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष रहे प्रो.एमसी चट्टोपाध्याय ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रयागराज आने की कई घटनाओं को साझा किया। उन्होंने बताया कि नेताजी उनके पिता प्रो.क्षेत्रेश चंद्र चट्टोपाध्याय के सहपाठी थे। कलकत्ता के प्रेसीडेंसी स्कूल में दोनों ने एक साथ ही पढ़ाई की थी। प्रो.क्षेत्रेश चंद्र चट्टोपाध्याय संस्कृत विभाग के अध्यक्ष रहे थे। उनकी विद्वता की ख्याति उस समय पूरे देश में थी। नेताजी ने फारवर्ड ब्लाक के लिए समर्थन जुटाने में तब प्रो.चट्टोपाध्याय का समर्थन मांगा था। इसी सिलसिले में वे 1939 में प्रयागराज आए थे। प्रो.एमसी चट्टोपाध्याय बताते हैं कि फारवर्ड ब्लाक को लेकर सिविल लाइंस के पीडी टंडन पार्क में दोपहर बाद एक सभा आयोजित की गई थी। सभा के दौरान पार्क पूरी तरह से भरा हुआ था। इसमें युवाओं की संख्या ज्यादा थी। प्रयागराज के आसपास के लोग भी इस सभा में नेताजी को सुनने आए थे। पार्क के बाहर भी लोगों की भीड़ जमा थी। नेताजी ने अपने संबोधन में कुछ दिन पहले कांग्रेस अधिवेशन में अध्यक्ष पद पर हुई जीत का भी जिक्र किया था।

अंधेरे में छात्रों को किया था संबोधित

प्रो.एमसी चट्टोपाध्याय बताते हैं कि सुभाष चंद्र बोस ने जब भाषण समाप्त किया तो पार्क के पीछे ही स्थित एंग्लोबंगाली इंटर कालेज के छात्रों ने उनसे कालेज में चलने का आग्रह किया। कहा कि वे कालेज में भी छात्रों को संबोधित करें। छात्रों के आग्रह पर नेताजी एंग्लो बंगाली इंटर कालेज चले आए। उस समय अंधेरा हो चला था। बोस के आने की खबर पर छात्रों के अलावा और बहुत से लोग वहां पहुंच गए। कालेज पूरी तरह खचाखच भर गया था। अंधेरा होने की वजह से  कालेज प्रबंधन और आसपास के लोगों ने लालटेनों का इंतजाम किया। हालांकि लालटेन अंधेरा खत्म नहीं कर पाई पर बोस ने हल्की रोशनी में छात्रों को एक घंटे संबोधित किया। इस दौरान छात्र पूरी तरह से शांत होकर उनका भाषण सुनते रहे।


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