Move to Jagran APP

Subhash Chandra Bose Jayanti 2021: वैश्विक पराक्रम के युग पुरुष थे नेताजी, आजादी की जंग को दी थी नई धार

नेताजी ऐसे युग पुरुष और भारतीय इतिहास का एक ऐसा चरित्र हैं जिसकी तुलना विश्व में किसी से नहीं की जा सकती। अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई को तेज करने के लिए आजाद हिंद फौज की स्थापना की गई थी। उन्होंने आजाद हिंद फौज का पुनर्गठन व नेतृत्व किया।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 08:33 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 08:33 PM (IST)
Subhash Chandra Bose Jayanti 2021: वैश्विक पराक्रम के युग पुरुष थे नेताजी, आजादी की जंग को दी थी नई धार
जर्मनी के तानाशाह अडोल्फ हिटलर ने सुभाष चंद्र को पहली बार 'नेताजी कहकर बुलाया था।

प्रयागराज, जेएनएन।  नेता का शाब्दिक अर्थ होता है नेतृत्व करने वाला। भारत में सिर्फ सुभाष चंद्र बोस को नेताजी की उपाधि मिली है। जर्मनी के तानाशाह अडोल्फ हिटलर ने सुभाष चंद्र को पहली बार 'नेताजी कहकर बुलाया था। व्यक्ति के सफल जीवन के चार सूत्र हैं, जिज्ञासा, धैर्य, नेतृत्व की क्षमता और एकाग्रता। नेताजी ने चारों सूत्रों को अपने जीवन में चरितार्थ किया था।

loksabha election banner

आजादी की लड़ाई को नया मोड़ दिया था

हम 2021 में भारतीय स्वतंत्रता के प्रमुख सेनानी नेता जी की 125वीं जन्मतिथि मना रहे हैं। नेताजी ऐसे युग पुरुष हैं जिन्होंने आजादी की लड़ाई को नया मोड़ दिया था। भारतीय इतिहास का एक ऐसा चरित्र हैं जिसकी तुलना विश्व में किसी से नहीं की जा सकती। अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई को तेज करने के लिए आजाद हिंद फौज की स्थापना की गई थी। उन्होंने आजाद हिंद फौज का पुनर्गठन व नेतृत्व किया। 21 मार्च 1944 को 'चलो दिल्ली के नारे के साथ आजाद हिंद फौज का हिंदुस्तान की धरती पर आगमन हुआ। महात्मा गांधी को सुभाष चंद्र बोस ने ही पहली बार राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था। नेताजी ने पराक्रम और वीरता के साथ अंग्रेजों से भारत को आजाद कराया। वहीं, अपने जीवन में प्रेम कहानी को भी बड़े ही धैर्य और साहस के साथ निभाया। देश के महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की जन्मतिथि को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'पराक्रम दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया है। यह सार्थक निर्णय है। इससे युवा नेताजी के व्यक्तित्व से खुद को जोड़ सकेंगे और उनके अंदर राष्ट्र प्रेम की भावना जागृत होगी।  

-डॉ. शंकर सुवन सिंह, वरिष्ठ स्तंभकार एवं विचारक तथा सहायक प्रोफेसर शुआट्स नैनी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.