ओमिक्रोन को लेकर रेल व बस यात्री लापरवाह, चेहरों पर मास्क भी नहीं लगा रहे और दे रहे दलील
कोरोना के नए वेरियंट ओमीक्रान की आहट के तहत पूर्व की भांति सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है। इसके तहत दुकानों प्रतिष्ठान में सभी के लिए मास्क पहनना व फिजिकल डिस्टेंस का पालन भी करना अनिवार्य है। फिर भी रेलवे व बस यात्री अनजान हैं।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमिक्रान पिछले एक पखवारे में 57 से अधिक देशों में दहशत फैला चुका है। भारत में भी इससे संक्रमित रोगी मिले हैं। पूरी दुनिया में एक बार फिर से हड़कंप मचा हुआ है। एक्सपर्ट इसे तीसरी लहर से जोड़कर देख रहे हैं। लोगों को अभी से ही सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है। वहीं दूसरी ओर बस अड्डे और रेलवे स्टेशन पर लापरवाही साफ नजर आ रही है। यात्री खुद ही वायरस को आमंत्रित कर रहे हैं। एयरपोर्ट पर स्थिति कुछ अच्छी है, बगैर मास्क के एयरपोर्ट में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। हालांकि रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर भीड़ का आवागमन जारी है। लोगों के पास मास्क न लगाने के अलग-अलग अलग बहाने हैं।
प्रयागराज जंक्शन पर लापरवाही
प्रयागराज जंक्शन पर गुरुवार की रात सैकड़ों की संख्या में यात्रियों की भीड़ प्लेटफार्म नंबर एक पर दिखी। दिल्ली जा रहे अलोपीबाग के रहने वाले राम सजीवन मिश्रा से पूछा गया कि उन्होंने मास्क क्यों नहीं लगाया है तो उनका सीधा सा जवाब था कि मास्क पहनें या न पहनने से क्या फर्क पड़ता है। कोराना होना होगा तो मास्क लगाने पर भी हो जाएगा। कटरा के रहने वाले भारत मौर्या से मास्क न लगाने का कारण पूछा गया उन्होंने बताया कि लगातार मास्क लगाने से सांस फूलने लगती है, ऐसे में कोरोना की जगह सांस की बीमारी होने का एहसास हो रहा है, इसलिए मास्क नहीं लगा रहा। जंक्शन के सिविल लाइंस साइड से प्रवेश कर रहे देवेश कुमार से मास्क न लगाने का कारण पूछा गया तो बताया जल्दी-जल्दी में मास्क घर पर छुट गया है। वैसे वैक्सीन की दोनों डोज लगावा ली है। अब मास्क अगर नहीं लगाते हैं तो कोई दिक्कत नहीं है।
बस अड्डे पर भी नहीं लगा रहे मास्क
सिविल लाइंस बस अड्डे पर तेलियरगंज के अभिनव अग्रवाल अपने पिता को छोड़ने बस अड्डे आए थे। उनसे मास्क न लगाने का कारण पूछा गया तो बताया बस अड्डे पर रुकना नहीं है। इन्हें छोड़कर तुरंत जा रहा हूं। जल्दी-जल्दी में मास्क भूल गया था। बस अड्डे के वेटिंग हाल में बैठे बुजुर्ग शिव मूर्ति ने कहा कि ओमिक्रान कुछ नहीं है। जिसकी मृत्यु आ जाती है, उसे जाने से कोई रोक नहीं सकता है। वाराणसी जा रहे सुरेंद्र बस में बिना मास्क के बैठे थे। उनसे मास्क न लगाने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया अब कोरोना नहीं है। जब कोरोना था तो लगाते थे, फिर जब आएगा तो लगाएंगे।
सुरक्षा के लिए जारी है कोविड गाइडलाइन
ओमीक्रान आने के बाद पहले भी कोरोना के तहत सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है। इसके तहत दुकानों प्रतिष्ठान में सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है। इन स्थानों पर फिजिकल डिस्टेंस का पालन भी करना है। काउंटर पर सैनेटाइजर की व्यवस्था, सफेद गोला चिह्नित हो, जिसमें शारीरिक दूरी के अनुसार ग्राहक खड़े हों, सभी का टीकाकरण आवश्यक है। विवाह, सम्मेलन, समारोह में कोरोना प्रोटोकाल का पालन होना है। सभी पार्क, धार्मिक स्थल, सिनेमा हाल, शापिंग माल, जिम में भी मास्क समेत कोविड नियमों का पालन करना आवश्यक है। हालांकि बस अड्डा हो या रेलवे स्टेशन या दुकान या प्रतिष्ठान हर जगह लापरवाही देखने को मिल रही है।