Move to Jagran APP

NCR के अधिकारी बोले- आत्मविश्वास और सकारात्मक विचार से भी बढ सकती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

उत्‍तर मध्‍य रेलवे (एनसीआर) के राजभाषा अधिकारी शेषनाथ पुष्कर कहते हैं कि यदि विचार अच्छे हुए तो व्यक्ति में गुणों और मन में सद्भावनाओं का विकास होगा और व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत होगा और कोरोना जैसी भयावह बीमारी से लडऩे में समर्थ होगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 11:13 AM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 11:13 AM (IST)
NCR के अधिकारी बोले- आत्मविश्वास और सकारात्मक विचार से भी बढ सकती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
उत्‍तर मध्‍य रेलवे (एनसीआर) के राजभाषा अधिकारी शेषनाथ पुष्कर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का टिप्‍स देते हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। मैंने जीवन में अनुभव किया है कि बुरे विचार मन में भय, घबराहट, चिंता, तनाव, उदासीनता, निराशा आदि को जन्म देते हैं और जब मन में ये चीजें घर करती है तो व्यक्ति की शारीरिक क्षमता भी प्रभावित होती है। इसकी वजह से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है और व्यक्ति रोग का शिकार जल्दी हो जाता है और कोरोना मामले में भी मैंने महसूस किया है कि कोरोना वायरस से ज्यादा व्यक्ति की भय, घबराहट उसको प्रभावित करता है। यह कहना है उत्‍तर मध्‍य रेलवे (एनसीआर) के राजभाषा अधिकारी शेषनाथ पुष्कर का।

loksabha election banner

उन्‍होंने कहा कि जबकि अच्छे विचार मन में निर्भीकता, आशा, खुशी, उत्साह, धैर्य, आत्मविश्वास, सहनशीलता, इच्छाशक्ति आदि का विकास करते हैं। गौतम बुद्ध ने कहा था कि सचेत रहने वाले व्यक्ति का यश बढ़ता है। मेरा भी मानना है कि व्यक्ति को उठते-बैठते, चलते-फिरते, खाते-पीते हमेशा सचेत रहना चाहिए। जब व्यक्ति हमेशा सचेत रहेगा तो वह अपने विचारों पर नजर रखेगा और जब वह अपने विचारों पर नजर रखेगा तो वह बुरे विचारों को रोकेगा औऱ अच्छे विचारों को बढ़ाएगा। मेरा यह भी मानना है कि विचार व्यक्तित्व के आधार होते हैं।

यदि विचार अच्छे हुए तो व्यक्ति में गुणों और मन में सद्भावनाओं का विकास होगा और व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत होगा और कोरोना जैसी भयावह बीमारी से लडऩे में समर्थ होगा। वैसे देखा जाए तो आध्यात्मिक ज्ञान व्यक्तित्व में उपरोक्त गुणों का विकास करता है और अवगुणों को दूर करता है और मन में सद्भावनाओं का विकास करता है और दुर्भावनाओं को रोकता है पर यह आसान नहीं है इसके लिए साधना करनी पड़ती है।

उन्‍होंने कहा कि आप लोग भौतिक ज्ञान (विज्ञान) के अनुसार आचरण करें अर्थात मास्क पहने, दो गज की दूरी अपनाएं और हाथों को सेनेटाइज करें तथा पौष्टिक भोजन लें। पर आध्यात्मिक ज्ञान को नजर अंदाज न करें। जब व्यक्ति का जीवन भौतिक और आध्यात्मिक ज्ञान के अनुसार संचालित होगा तो इसमें कोई संदेह नहीं कि कोरोना जैसी राष्ट्रीय आपदा पर हम लोग विजय नहीं प्राप्त कर लेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.