Coronavirus Effect on Railway : महामारी के संक्रमण काल में पार्सल ट्रेनें बनीं 'कमाऊ पूत' Prayagraj News
उत्तर मध्य रेलवे ने कोयला लौह खनिज फौज के सामान खाद खाद्यान बीज के अलावा दूसरे पार्सल की ढुलाई पर ध्यान दिया। इसमें कई तरह छूट भी दी। इससे रेलवे की आय बढ़ी है।
प्रयागराज, जेएनएन। कोविड-19 के चलते पूरा देश परेशान है। ऐसे में इसका असर रेलवे पर भी पड़ा है। कोरोना संक्रमण की वजह से रेलवे की तमाम गतिविधियां भी ठप हैं। यात्री ट्रेनें कम चलने के कारण कम हो रही आय को बढ़ाने के लिए अब पार्सल ट्रेनें रेलवे का ध्यान पार्सल ट्रेनों की ओर है। यह ट्रेनें कमाऊ पूत साबित हो रही हैं। पिछले महीने तक इससे 38 लाख टन से अधिक माल की ढुलाई करके 437.55 करोड़ रुपये की आय भी हुई है।
पैसेंजर ट्रेनों का संचालन बहुत कम हो रहा है
कोरोना वायरस के चलते पैसेंजर ट्रेनों का संचालन बहुत कम हो रहा है। प्रयागराज मंडल में सामान्य दिनों में जहां दो सौ से अधिक पैसेंजर ट्रेनें चलती थी वह अब 42 जोड़ी में सीमित हो गई। इसलिए रेलवे की आय प्रभावित हुई। ऐसे में रेलवे ने कोयला, लौह खनिज, फौज के सामान, खाद, खाद्यान, बीज के अलावा दूसरे पार्सल की ढुलाई पर ध्यान दिया। इसमें कई तरह छूट भी दी। इससे जुलाई तक 38.2 लाख टन माल की ढुलाई कर 437.55 करोड़ रुपये की कमाई की।
माल बुकिंग पर 50 फीसद की छूट 31 जून 2021 तक मिलेगी
माल ढुलाई को और बढ़ाने के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं जिसमें गुड्स शेडों में मूलभूत सुविधाएं बढ़ाने से लेकर मालगाडिय़ों की गति भी बढ़ाई जा रही है। औसत गति को 40-45 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 50 किमी प्रति घंटे करने पर काम हो रहा है। जिससे बुक पार्सल को और जल्दी गंतव्य तक पहुंचाया जा सके। माल बुकिंग पर 50 फीसद की छूट 31 जून 2021 तक मिलेगी।
बोले, उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य माल यातायात प्रबंधक
उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य माल यातायात प्रबंधक प्रदीप कुमार ओझा कहते हैं कि कोविड-19 के संकट को देखते हुए हम अधिकाधिक गुड्स ट्रेनों का संचालन कर रहे हैं जिससे व्यापारियों, किसानों का माल सही समय पर सही जगह पहुंच जाए। माल बुकिंग को बढ़ाने के लिए गुड्स शेड्स आदि में सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं।