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प्रयागराज में गंगा समग्र की राष्ट्रीय बैठक कल, राष्ट्रीय जल नीति पर मंथन

राष्ट्रीय जल नीति पर मंथन होने के साथ ही जल संरक्षण तालाबों कुओं के निर्माण व उन्हें बचाने की कार्य योजना बनाई जाएगी। इसके अतिरिक्त नदियों की सफाई के लिए अब तक क्या किया गया और आगे क्या किया जाना है यह भी तय होगा।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 05:30 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 05:30 PM (IST)
प्रयागराज में गंगा समग्र की राष्ट्रीय बैठक कल, राष्ट्रीय जल नीति पर मंथन
गंगा समग्र की राष्ट्रीय बैठक 20 जून को प्रयागराज में झूंसी स्थित गंगा धाम में होगी।

प्रयागराज,जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अनुषांगिक संगठन गंगा समग्र की राष्ट्रीय बैठक 20 जून को प्रयागराज में झूंसी स्थित गंगा धाम में होगी। इसमें केंद्रीय पदाधिकारियों के साथ प्रांतीय टोली के संयोजक व सह संयोजक भी शामिल होंगे। इस बैठक में वर्षभर की कार्य योजना तैयार की जाएगी साथ ही अब तक किए गए कार्यों की भी समीक्षा होगी। इससे पूर्व 19 जून को इसी स्थान पर गंगा समग्र के न्यासी बोर्ड की भी बैठक होगी। दो दिन के इस कार्यक्रम में करीब 50 पदाधिकारी शामिल होंगे।

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जल सरंक्षण के साथ कुआं, तालाब आदि को बचाने की बनेगी कार्ययोजना

20 जून को होने वाली गंगा समग्र की बैठक में आरएसएस के सह सर कार्यवाह व आयाम प्रमुख कृष्णगोपाल के अतिरिक्त संगठन सचिव मिथिलेश व मार्गदर्शक मंडल के रामाशीष भी शामिल होंगे। इस दौरान राष्ट्रीय जल नीति पर मंथन होने के साथ ही जल संरक्षण, तालाबों, कुओं के निर्माण व उन्हें बचाने की कार्य योजना बनाई जाएगी। इसके अतिरिक्त नदियों की सफाई के लिए अब तक क्या किया गया और आगे क्या किया जाना है यह भी तय होगा।

गंगा जीवियों के जीवन स्‍तर को बढ़ाने के उपयोग पर भी तैयारी होगी योजना

एसटीपी का पानी वर्तमान में नदियों में गिराया जा रहा है, इसे रोकने के लिए भी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जा सकती हैं। सभी नदियों में किसी तरह प्रवाह बना रहे, नदी के किनारे के गावों में हरियाली विस्तार, पॉलीथिन के प्रयोग को हतोत्साहित करने के अतिरिक्त गंगा जीवियों के जीवन स्तर को बढ़ाने के उपयोग पर भी कार्य योजना तैयार की जा सकती है।

महामारी के दौर में संगठन की ओर से क्या सेवा कार्य हुए और आगे आवश्यकता पडऩे पर क्या कदम उठाए जाएं इसके लिए भी मार्गदर्शन दिया जाएगा। नदियों के किनारे के गावों में जैविक खेती को बढ़ाने के लिए अब तक हुए प्रयासों की भी समीक्षा की जाएगी।


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